Farmers Protest में हुए दंगे को लेकर मायावती-अखिलेश की एक राय, बोले- सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानी...

 देश में इन दिनों Farmers Protest ट्रैक्टर रैली हिंसा की चर्चा हर ओर हो रही है, वहीं देश भर में इसे लेकर केंद्र सरकार की निंदा भी की जा रही है। ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसक झड़प के बाद उत्तर प्रदेश की दो बड़ी पार्टियां भी अब केंद्र के खिलाफ खड़ी हो गई हैं।

दोनों बड़ी पार्टियों ने ट्वीट करते हुए तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है। तो वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्रैक्टर मार्च हिंसा का ठीकरा केंद्र सरकार के सिर फोड़ दिया। तो वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे अति दुखद बताते हुए कार्रवाई की मांग की है।

अभय सिंह चौटाला ने किया हमला

किसान आंदोलन Farmers Protest पर इंडियन नेशनल लोकदल के सेक्रेटरी जनरल अभय सिंह चौटाला Abhay Singh Chautala ने ट्वीट करके कहा, 'सरकार शायद भूल गई कि घायल शेर की सांसे, उसकी दहाड़ से भी ज्यादा खतरनाक होती है। किसान विरोधी झुकेंगे भी और टूटेंगे भी। देश के किसानों से निवेदन है कि वो किसान आंदोलन में हिस्सा लें ओर मजबूती से इन काले कानूनों के खिलाफ लड़ें।'

Farmers Protest में हुए दंगे को लेकर मायावती

Farmers Protest : मायावती का केंद्र सरकार पर तीखा वार

वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने ट्वीट किया, 'बीएसपी ने, देश के आंदोलित किसानों Farmers Protest के तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग नहीं मानने व जनहित आदि के मामलों में भी लगातार काफी ढुलमुल रवैया अपनाने के विरोध में, आज राष्ट्रपति के संसद में होने वाले अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला लिया है।'

Farmers Protest में हुए दंगे को लेकर मायावती

मायावती ने अगले ट्वीट में लिखा, 'साथ ही, कृषि कानूनों को वापस लेकर दिल्ली आदि में स्थिति को सामान्य करने का केंद्र से पुनः अनुरोध और गणतंत्र दिवस के दिन हुए दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं को बलि का बकरा न बनाए। इस मामले में यूपी के बीकेयू व अन्य नेताओं की आपत्ति में भी काफी सच्चाई सरकार ध्यान दे।'

Farmers Protest : अखिलेश यादव ने कहा...

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अक्ष्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ट्वीट किया, 'सबका पेट भरने वाले किसानों को बीजेपी भूखा-प्यासा रखकर व झूठे आरोप लगाकर हराना चाहती है लेकिन चंद भाजपाइयों को छोड़कर सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानी आज भी किसानों के साथ खड़े हैं। सपा किसानों के साथ है।'

पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने कहा कि दिल्ली में किसान 2 महीने से बैठे हैं और 133 किसान अभी तक मर चुके हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या उनकी सरकार ने 133 परिवारों में से किसी से भी मुलाकात नहीं की।

Farmers Protest में हुए दंगे को लेकर मायावती

शिमला से ज्यादा ठंड में हमारी मां-बहनें बैठी हैं, तब आपको हम याद नहीं आए। आपने एक साजिश के तहत किसानों को ट्रैक्टर मार्च करने का आदेश दिया और उसमें अपनी जमात को शामिल किया। ताकि आम आदमी और किसान के बीच टकराव पैदा किया जाए।

उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में एक भी दुकान को किसी ने टच तक नहीं किया। लेकिन आईटीओ पर 10,000 किसानों को ले जाने की साजिश किसने रची और जिस किसान का ट्रैक्टर पलटा, क्या आंसू गैस के गोले से अनबैलेंस होने के बाद जुडिशल इंक्वायरी की मांग की गई। सिर्फ किसानों के आंदोलन को कमजोर करने के लिए ट्रैक्टर रैली की इजाजत दी गई।

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