किडनी रोगियों के लिए राहत की खबर




खून को साफ करेगी कृत्रिम किडनी!

  1. करोड़ों किडनी रोगियों के लिए राहत की खबर
  2. 5 साल में मिलने लगेगी कृत्रिम किडनी
  3. कृत्रिम किडनी का अमेरिका में किया जा रहा परीक्षण
  4. कृत्रिम किडनी आने से मौतों की संख्या में होगी कमी
  5. किडनी फेल होने से करवानी पड़ती है डायलिसिस
  6. डायलिसिस के बाद भी हो जाती है मरीज की मौत
  7. डायलिसिस करवाने में होता है काफी खर्चा

अगर आपको अब किडनी की बीमारी हो जाए तो आप घबराएं नहीं.. बहुत जल्द भारत में अब कृत्रिम किडनी आने जा रही है.. भारत में कृत्रिम किडनी 5 साल के अंदर मिलने लगेगी. अभी अमेरिका में इसका ट्रायल चल रहा है... भारत के लिए ये इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां हर साल बड़ी संख्या में किडनी की बीमारी बढ़ रही हैं.. देशभर में हर साल आठ से दस हजार किडनी प्रत्यारोपण की सर्जरी होती है... जबकि सालाना करीब एक लाख लोगों को किडनी प्रत्यारोपण की जरूरत होती है.. कृत्रिम किडनी के आ जाने के बाद किडनी फेल की वजह से होने वाली मौतों की संख्या काफी कम हो जाएगी...

कृत्रिम किडनी का अमेरिका में किया जा रहा परीक्षण

यूरोलॉजिस्ट डॉ. संजय गर्ग ने जानकारी देते हुए बताया कि अमेरिका में वैज्ञानिकों ने कृत्रिम किडनी तैयार कर ली है.. उनहोंने बताया कि उनका परीक्षण चल रहा है.. अगले दो साल में परीक्षण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और पांच साल में ये भारत में उपलब्ध होगी.. एक बार किडनी खराब हो जाए तो या तो दूसरी किडनी की जरूरत होती है या जीवित रहने तक अस्पताल जाकर डायलिसिस करानी पड़ती है.. इसमें काफी समय और पैसा लगता है.. किडनी की उपलब्धता भी भारत में बड़ी चुनौती है...

5 साल में मिलने लगेगी कृत्रिम किडनी

 आपको बता दें कि ये कृत्रिम किडनी सामान्य किडनी की तरह काम करेगी.. इसे पेट में किडनी के नीचे के हिस्से में लगाया जाएगा.. इसमें एक सिरे में लगे छोटे पाइप को खून की धमनियों और दूसरे छोर पर लगे पाइप को मूत्राशय में फिट किया जाएगा... ये सामान्य किडनी की तरह रक्त को साफ करेगी... हार्मोंस को नियंत्रित और ब्लड प्रेशर को काबू रखने में मदद करेगी.. किडनी प्रत्यारोपण के लिए किडनी दाता और मरीज के ब्लड ग्रुप, टिश्यू टाइप का मिलान कराना होता है.. इसके बावजूद मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली पर काफी असर पड़ता है, क्योंकि उसका शरीर दूसरे की किडनी को स्वीकार करने में समय लेता है... कृत्रिम किडनी के साथ ये समस्याएं कम होंगी... डायलिसिस की तुलना में भी यह काफी बेहतर है.. इसे बनाने में ऐसे पदार्थ का इस्तेमाल हो रहा है जो शरीर के लिए बिल्कुल हानिकारक नहीं होगा... हालांकि कृत्रिम कीडनी की कीमत थोड़ी महंगी होने के आसार हैं... अनुमान है कि भारत में ये 15 से 20 लाख रुपये में उपलब्ध होगी...
कृत्रिम किडनी का अमेरिका में किया जा रहा परीक्षण
 कृत्रिम किडनी से पहले आइये जानते हैं कि हमारी असली किडनी का क्या काम है.. किडनी का मुख्य काम रक्त को साफ करना है... हमारी किडनी 200 लीटर रक्त को फिल्टर करती है और इस प्रक्रिया में 2 लीटर विषाक्त पदार्थ, अपशिष्ट और पानी निकलते हैं.. अपशिष्ट और पानी अंतत: शरीर से मूत्र और मल के रूप में निकल जाते हैं.. इस प्रक्रिया के माध्यम से हमारी किडनी शरीर के तरल पदार्थ के स्तर को नियंत्रित रखती है... किडनी हार्मोन का भी उत्सर्जन करती है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करते हैं.. कई बार किडनी समय के साथ धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो जातहै.. लेकिन रोगी इसके कारण तब तक बीमार महसूस नहीं करता है, जब तक किडनी खराब नहीं हो जाती है.. किडनी की बीमारी के बारे में जागरूकता पैदा करना, बीमारी की रोकथाम और बीमारियों का शीघ्र पता लगाना बहुत जरूरी है...
किडनी फेल होने से करवानी पड़ती है डायलिसिस

कृत्रिम किडनी के भारत आने की खबर से किडनी रोगियों में एक आशा की लहर दौड़ गई है.. किडनी पेशेंट किडनी खराब होने के बाद डायलिसिस की प्रकिया से गुजरते हैं.. जिसमें एक कृत्रिम मशीन के जरिये खून को साफ किया जाता है.. ये प्रक्रिया काफी कष्टकारी होती है.. वहीं ये काफी खर्चीली भी है.. भारत में अब तक किडनी की बीमारी से लाखों लोगों की मौत हो चुकी है. फिलहाल इतना तय है कि आने वाली पीढ़ी को इस कृत्रिम किडनी से काफी राहत मिलने वाली है... अब देखना अहम होगा कि अगले पांच सालों में हिंदुस्तान आने वाली कृत्रिम किडनी कितनी कारगर साबित होती है.. आउटपुट डेस्क प्राइम टीवी न्यूज

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