14 फरवरी का दिन Pulwama के इतिहास में एक दुखद घटना के साथ हमेशा दर्ज रहेगा। दो साल पहले हुए उस हादसे के जख्म आज भी हरे हैं, आतंकवादियों ने इस दिन को देश के सुरक्षाकर्मियों पर कायराना हमले कि लिए चुना था।
राज्य के Pulwama जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों के भरी गाड़ी के साथ सीआरपीएफ जवानों की बस में टक्कर मार दी थी जिसमें करीब 40 जवान शहीद हो गए और कई गंभीर रूप से घायल हुए थे।
नसीर की पत्नी ने कहा..
दो साल पहले हुए इस आत्मघाती हमले में जम्मू के राजौरी के हेड कांस्टेबल नसीर अहमद भी शहीद हुए थे। शहीदों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में शहीद नसीर की पत्नी शाजिया को सम्मानित किया गया।
भावुक शाजिया का कहना है कि वो आज भी उस दिन को नहीं भूल पाई हैं। शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में सेना के जवानों ने गीत गाकर अपने साथियों को याद किया। सेना के जवानों के अलावा बच्चों ने भी डांस कार्यक्रम पेश किया।
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Pulwama आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के एक फिदायीन आतंकी दस्ते ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था। जिसके बाद भारत ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया और जवानों का बदला सूद समेत वापस लिया था।
Pulwama पर हमला हुआ तो देश का सीना मानो छलनी हो गयाहर किसी के दिल में दर्द था और आंख में आंसू। पुलवामा के शहीदों को आतंकियों ने जिस कायराना तरह से मौत के घाट उतार दिया गया उसकी पूरे देश ने निंदा की। देश में आक्रोश देखा गया और गुस्से की एक लहर पूरे देश ने महसूस की।
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