सिंघवी की फटकार के बाद क्या सुधरेंगे
प्रदर्शनकारी?
नागरिकता कानून पर पूरे देश में जंग छिड़ी है..
लोग तरह तरह से इस कानून का विरोध कर रहे हैं.. वहीं रोज इस पर नेताओं के बयान आ
रहे हैं कुछ नेता इन आंदोलनकारियों का समर्थन कर रहे हैं.. तो कुछ भारत विरोधी
नारेबादी का विरोध कर रहे हैं. इन विरोधियों में बीजेपी के नेता सबसे आगे हैं..
वहीं इन देश विरोधी नारे लगाने वाले आंदोलकारियों के विरोध अब कांग्रेस नेता
अभिषेक मनु सिघवी भी कूद पड़े हैं.. अभिषेक मनु सिघवी ने कहा है कि आंदोलन करना
अपनी जगह है लेकिन देश विरोधी नारेबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
नागरिकता
संशोधन एक्ट के मुद्दे पर देश में जारी प्रदर्शन में कई तरह के नारे सुनाई दे रहे
हैं. इन्हीं नारों को लेकर अब कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सवाल
उठाए हैं. कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर लिखा है कि भारत माता से आजादी, कश्मीर
से आजादी... जैसे नारे सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में नहीं लगाए जाने चाहिए... इससे
प्रदर्शन कमजोर होता है.. कांग्रेस नेता ने ट्वीट करके लिखा कि भारत माता से आजादी,
कश्मीर
से आजादी एक तरह के विच्छेदी नारे हैं.. जिनकी CAA के खिलाफ
प्रदर्शन में कोई जगह नहीं होनी चाहिए... इस तरह के नारे देश पर सवाल खड़े करते
हैं... और CAA के खिलाफ चल रहे मजबूत आंदोलन को कमजोर करने का
काम कर रहे हैं... गौरतलब है कि 2016 में दिल्ली की
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई नारेबाजी के बाद से ‘आजादी नारा’
भारतीय
राजनीति के चर्चा में आया था. बीजेपी के नेताओं ने विपक्ष और कन्हैया कुमार पर
आरोप लगाया था कि इन लोगों ने देश विरोधी नारेबाजी करने वालों का साथ दिया था..
बीते
दिनों दिल्ली की जेएनयू और जामिया यूनिवर्सिटी में भी जब छात्रों ने सरकार के
खिलाफ आंदोलन छेड़ा था, तब भी आजादी का नारा सुनाई दिया था... इस दौरान
छात्रों ने नारा लगाया था.. दिल्ली पुलिस से आजादी... संघवाद से
आजादी...इसके
अलावा पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ भी
प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की थी... बता दें कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने
भी प्रदर्शनकारियों को फटकार लगाई थी... उन्होंने कहा था कि जो लोग CAA के
खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और आजादी का नारा लगा रहे हैं... उनपर देशद्रोही
का केस दर्ज करवाया जाएगा.. यूपी के सीएम ने कहा था कि लोगों को भारत की जमीन से
देश के खिलाफ साजिश रचने की इजाजत नहीं दी जाएगी..
इसमें कोई शक
नहीं कि देश की जनता को सरकार से असहमत होने का अधिकार है.. उसे आंदोलन करने का भी
अधिकार है.. लेकिन जनता को देश विरोधी नारेबाजी का अधिकार बिल्कुल भी नहीं है..
विभिन्न समाचार चैनलों में चले फुटेज में साफ पता चला है कि विभिन्न प्रदर्शनों और
जेएनयू के आलावा जामिया और एएमयू में देश विरोधी नारे लगे हैं.. ऐसे में जो भी देश
विरोधी नारेबाजी करे उस पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है.. देखना होगा कि केंद्र
सरकार इन भारत विरोधी लोगों पर कब तक कार्रवाई करती है..
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