भारत में बाघों पर खतरा मंडरा रहा है.. इस साल अब
तक 9 बाघों का शिकार हुआ है.. वहीं दस साल में अब तक 430 बाघ मारे गए हैं.. बाघों
पर भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में खतरा मंडरा रहा है.. बता दें कि मौजूदा
समय में भारत में विश्व के सबसे ज्यादा बाघ हैं.. भारत में मौजूदा समय में बाघों
की कुल संख्या करीब 3 हजार है... वहीं देश में सबसे ज्यादा बाघ मध्य प्रदेश में
हैं.. आइये जानते हैं कि आखिर क्यों भारत में बाघों का शिकार किया जाता है..
भारत
में बाघों का शिकार बदस्तूर जारी है.. भारत में बाघों की संख्या भले ही बढी है..
लेकिन बाघों का शिकार अब भी जारी है.. वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के तमाम
प्रयासों के बावजूद भी बाघों का शिकार होना अभी भी बंद नहीं हुआ है.. इस साल अक्टूबर
तक शिकारियों ने नौ बाघों का शिकार किया है.. इनमें भी सबसे ज्यादा चार बाघों को
असम में मारा गया है.. तो वहीं मध्य प्रदेश में तीन बाघों का शिकार
किया गया है.. वहीं एक-एक बाघ पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में मारे गए हैं.. हालांकि,
इसी
दौरान वन्य जीवों के शिकार के अपराध से जुड़े मामलों में 28 लोगों को
गिरफ्तार भी किया गया है.. आरटीआई कार्यकर्ता के पूछे गए एक सवाल के जवाब में ये जानकारी
सामने आई है.. वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के ये आंकड़े देश में बाघों की घटती
आबादी के लिहाज से चिंता पैदा करते हैं.. हालांकि, इन आंकड़ों से ये
भी साबित होता है है.. कि देश में बाघों के शिकार के मामलों मे कमी भी आई है.. इसके
पहले इसी प्रकार के सवाल में वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो ने बताया था.. कि
पिछले दस सालों मे कुल 430 बाघों का शिकार किया गया था.. जो हर
साल के लिहाज से 43 का औसत होता है... इसलिए ताजे आंकड़े कुछ राहत
जरूर देते हैं... लेकिन फिर भी ये सुरक्षा एजेंसियों के लिए
बाघों को बचाने की दिशा में एक चेतावनी भी देता है..
बता
दें कि पहले राजा महाराजा शौकिया तौर पर बाघों को मारते थे और उनकी खाल को दीवारों
पर टांगते थे.. लेकिन वर्तमान में बाघ इसलिये मारे जा रहे हैं.. क्योंकि बाघ का
शिकार करने पर शिकारियों को मोटा पैसा मिलता है.. इसमें भी चीन वो देश है जो शातिर
चाल चल रहा है,,, और वो भारत के बाघों का दुश्मन बना हुआ है.. इसका कारण ये है कि
चीन, शिकारियों को एक बाघ के शिकार का लाखों रुपये देता है.. चीन में बाघ के शरीर
के विभिन्न हिस्सों की बड़ी मांग है.. वहां इससे पारंपरिक दवाएं बनाई जाती हैं.. बाघ
के अंगों की कीमत इतनी ज्यादा मिलती है.. कि तस्कर बाघ मारने के लिए कोई भी तरीका
अपनाने को तैयार रहते हैं.. यहीं नहीं बहुत से शिकारी बाघों को शौकिया भी मारते
हैं.. और उनकी हड्डियां निकालकर काटकर उससे अंगूठी बनवाते हैं.. उसको पहनते हैं..
भारत में बाघों की खाल की तस्करी और शिकार तभी रुकेगा... जब भारत सरकार बाघों के
लिए एक वृहद कार्ययोजना बनाएगी.... फिलहाल जो हालत हैं उसको देखकर लगता नहीं कि
बाघों की तस्करी रुकने वाली है..
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