स्वामी की काट बनेंगे आरपीएन?
आरपीएन सिंह के बीजेपी में शामिल होने की खबर आते ही कांग्रेस ने उन्हें कायर बता डाला तो हाल ही में भाजपा छोड़ सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य यह जताने की कोशिश करने लगे कि वह आरपीएन सिंह से बड़े प्रभावशाली नेता हैं। इसकी वजह यह है कि आरपीएन सिंह भी उसी पडरौना के 'राजा' और नेता हैं, जहां से स्वामी प्रसाद मौर्य अभी विधायक हैं और एक बार फिर सपा के टिकट पर लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। 2009 के लोकसभा चुनाव में आरपीएन ने स्वामी प्रसाद मौर्य को मात दी थी। तब स्वामी बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे।
ओबीसी वोट बैंक साधने की कोशिश
पडरौना राजघराने के राजा आरपीएन सिंह कुर्मी समुदाय से आते हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह वह भी पूर्वांचल के बड़े ओबीसी नेता हैं। बीजेपी ने आरपीएन को पार्टी में लाकर स्वामी की काट निकालने का प्रयास किया है। यह भी बताया जा रहा है कि बीजेपी स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ आरपीएन सिंह को उतार सकती है। इससे स्वामी प्रदेश के दूसरे हिस्सों में प्रचार पर अधिक समय नहीं दे पाएंगे।
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