इन दिनों मोबाइल ऐप बुल्ली बाई सुर्खियों में है। जिसमें मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों को टार्गेट किया गया है। उनकी तस्वीरों पर लोगों से बोली लगाने के लिए कहा गया है। इस ऐप की जानकारी सामने आते ही सोशल मीडिया पर हड़कंप मच गया है। दिग्गज लेखक जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने भी इस मामले को लेकर आवाज उठाई हैं। सोमवार यानि 3 जनवरी को जावेद अख्तर ने अपने एक ट्वीट में कहा कि मुस्लिम महिलाओं के उत्पीड़न पर पीएम मोदी की चुप्पी से वह स्तब्ध और हैरान हैं। जावेद अख्तर ने मुस्लिम महिलाओं की फोटोज़ के साथ छेड़छाड़ कर मुसलमानों के खिलाफ हेट क्राइम फैलाने की निंदा की है।
जावेद अख्तर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि- “सौ महिलाओं की एक ऑनलाइन नीलामी की जा रही है। तथाकथित धर्म संसद, सेना, पुलिस और लोगों को लगभग 200 मिलियन भारतीयों के नरसंहार की सलाह देती है। मैं अपनी और विशेष रूप से प्रधानमंत्री सहित हर एक की चुप्पी से हैरान हूं। क्या यह सब का साथ है?”
Bulli Bai और Sulli Deals आखिर है क्या
आपको बता दें कि साल 2020 में इसी तरह का एक और मामला सामने आया था। उस समय Sulli Deal नाम का एक ऐप चर्चा में आया था। इस ऐप के जरिए भी मुस्लिम औरतों को नीलाम किया जा रहा था। लेकिन अब बुल्ली बाई ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। बुल्ली बाई ऐप को Github API पर होस्ट किया जाता है। इस ऐप के जरिए कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं की निलामी होती है। Bulli Bai और Sulli Deals दोनों ही ऐप्स GitHub पर अपलोड किए गए है जो कि माइक्रोसॉफ्ट का सॉफ्टवेयर शेयरिंग प्लेटफॉर्म है। कोई भी इन-डिवेलपमेंट ऐप को GitHub पर अपलोड और शेयर कर सकता है।
आपको बता दें कि दोनों ही ऐप एक समान है व एक ही जैसी हैं। क्योंकि दोनों ही ऐप्स का मकसद एक ही है- मुस्लिम महिलाओं का मानसिक रूप से और शारीरिक तौर पर शोषण करना। दोनों ऐप्स के नाम मुसलमानों के लिए उपयोग किए जाने वाले आपत्तिजनक शब्द हैं। दोनों पर ही मुस्लिम महिलाओं की फोटोज और डीटेल्स अपलोड की गईं है। इन एप्स पर महिलाओं के ट्विटर/इंस्टाग्राम/फेसबुक सूचनाएं और पर्सनल फोटो चोरी कर डाली गईं हैं।
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