अगर आप भी ऑनलाइन खाना मंगाते हैं तो अब आपको खाने-पीने की चीज़े ऑनलाइन मंगाने के लिए और पैसे ख़र्च करने होंगे, क्योंकि नए साल की शुरुआत, यानी 1 जनवरी सें खाने-पीने का सामान ऑनलाइन मंगाना महंगा हो गया है। 1 जनवरी 2022 सें स्विगी (Swiggy) और ज़ोमैटो (Zomato) जैसी ऑनलाइन फ़ूड ऑर्डरिंग कंपनियों को 5 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (GST) अपने ग्राहकों से वसूल कर सरकार के पास जमा करना होगा। GST के तहत पंजीकृत रेस्तरां ही अभी ग्राहकों से कर वसूलते हैं और सरकार के पास जमा कराते हैं, लेकिन अब, ऐसे फ़ूड वेंडर जो अभी माल एवं सेवा कर (GST) के दायरे से बाहर हैं, यदि वे ग्राहकों को ऑनलाइन ऑर्डर के ज़रिये आपूर्ति करते हैं, तो उन्हें GST देना होगा।

इसके अलावा कर अपवंचना रोकने के लिए जीएसटी कानून में संशोधन किया गया है. इसके तहत इनपुट कर क्रेडिट (ITC) अब सिर्फ़ एक बार मिलेगा। करदाता के GSTR 2B (ख़रीद रिटर्न) में ‘क्रेडिट' दर्ज होने के बाद इसे दिया जाएगा। GST नियमों के तहत, पहले 5 प्रतिशत का ‘अस्थायी' क्रेडिट दिया जाता था। 1 जनवरी, 2022 से इसकी अनुमति नहीं होगी। नए साल की शुरुआत से GST में ये बदलाव लागू हो रहे हैं-
- शनिवार (1 जनवरी) से ऐप आधारित कैब सेवा कंपनियों, मसलन उबर (Uber) और ओला (Ola) को भी दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बुकिंग पर 5 प्रतिशत GST वसूलना होगा।

- 1 जनवरी से सभी जूते-चप्पलों (फ़ुटवियर) पर 12 प्रतिशत GST लगेगा। सभी दाम के फ़ुटवियर पर 12 प्रतिशत की GST दर लागू होगी।

ईवाई इंडिया (EY India) के कर भागीदार बिपिन सपरा (Bipin Sapra) ने कहा, “इस बदलाव का करदाताओं की कार्यशील पूँजी पर तत्काल प्रभाव पड़ेगा, जो अभी तक 105 प्रतिशत के ‘क्रेडिट' का लाभ ले रहे थे। इस बदलाव से अब उद्योग के लिए भी यह ज़रूरी हो जाएगा कि वे सही और अनुपालन वाले वेंडरों से ख़रीद करें। नए साल से कर अपवंचना रोकने के उपायों के तहत जीएसटी रिफंड (GST Refund) के लिए आधार सत्यापन को भी अनिवार्य किया गया है। इसमें वह इकाइयाँ जिन्होंने कर का भुगतान नहीं किया है और पिछले महीने के लिए GSTR-3B जमा कराया है, उन्हें GSTR-1 दाख़िल करने की सुविधा नहीं होगी”

अभी तक GST क़ानून के तहत यदि कंपनियाँ या इकाइयाँ पिछले 2 माह का GSTR-3B जमा कराने में विफल रहती हैं, तो उन्हें बाहरी आपूर्ति के लिए रिटर्न या GSTR-1 दाख़िल करने की अनुमति नहीं होती थी। इसके अलावा GST क़ानून में संशोधन कर GST अधिकारियों के अधिकार बढ़ाए गए हैं। GST अधिकारी बिना किसी ‘कारण बताओ नोटिस’ के GSTR-3B के ज़रिये कम बिक्री दिखाकर कर का भुगतान करने वाली इकाइयों के परिसर में जाकर बकाया कर की वसूली कर सकते हैं। सपरा (Sapra) ने कहा की, “इस क़दम से जाली बिलों पर रोक लगेगी। अभी तक विक्रेता ख़रीदार को ऊंचे ITC का लाभ देने के लिए ऊँची बिक्री दिखाते थे और कम GSTR देनदारी को GSTR-3B में बिक्री को कम कर दिखाते थे।”

0 komentar:
Post a Comment