जंक फूड खाने में कितना ही टेस्टी क्यों न लगे लेकिन इसके लगातार सेवन से कैंसर होने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, लंबे समय तक इनका सेवन आपकी सेहत पर बुरा असर डालता है। लेकिन कुछ चीज़ें ऐसी भी हैं जो जंक फूड जितनी ही खतरनाक हो सकती हैं और जिससे धीरे-धीरे कैंसर भी हो सकता है। आइए जानते हैं उन फूड्स के बारे में जिनको खाने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
कोल्ड ड्रिंक
कोल्ड ड्रिंक में चीनी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण है, और बिना चीनी के भी, यह आपके लिए काफी बुरा है इसमें आर्टिफिशियल केरामेल कलर होता है। इस आर्टिफिशियल कलर को केरामेल IV कहते हैं और एक केमिकल 4-MEI होता है जो एक अमोनिया वाली प्रक्रिया से निकलता है।
ग्रिल्ड रेड मीट
ग्रिल्ड मीट बहुत स्वादिस्ट तो होती है, लेकिन साइंटिस्टों के मुताबिक जब इसे तेज़ तापमान पर पकाया जाता है, तो इसमें कैंसर करने वाले हाइड्रोकार्बन विकसित हो जाते हैं जो इसके केमिकल और मॉलिक्यूलर स्ट्रक्चर में बदलाव की वजह बनते हैं।
इसलिए रेड मीट को सावधानी से पकाएं, या तो इसके बदले व्हाइट मीट का सेवन करें, जैंसे चिकन।
वेजिटेबल आयल
वेजिटेबल आयल अलग-अलग श्रोतों से केमिकल की सहायता से निकाले जाते हैं। जिनके अंदर खतरनाक मात्रा में ओमेगा-6 फैट पाए जाते हैं, जो सेल मेम्ब्रेन के स्ट्रक्चर में बदलाव कर सकते हैं जिससे कैंसर होने की संभावना होती है।
इसलिए अन्य प्राकृतिक तरीके से निकाले गए ऑयल उपयोग करें, जैंसे केनोला या ओलिव आयल।
फार्मड फिश, खास तौर पर सैल्मन
जंगली सैल्मन में बहुत सारे अच्छे प्रोटीन मौजूद होते हैं, अमेरिका में 60% से अधिक खाए जाने वाली सैल्मन पैदावार से उपलब्ध होती है और उन्हें पेस्टिसाइड और एन्टी बियोटिक्स खिलाया जाता है, जो उनके शरीर में एकत्र हो जाता है, और जब हम इन्हें खाते हैं तो यह हमारे अंदर भी आ जाते हैं।
इसलिए जंगली पकड़ी हुई मछली या तो प्यूरीफाइड फिश आयल के सप्लीमेंट खा सकते हैं।
आर्टिफिशियल स्वीटनर्स
अधिकतर आर्टिफिशियल स्वीटनर्स केमिकली प्रोसेस करके बनाए जाते हैं, जोकि सेफ होते हैं कि नहीं इसके बारे कुछ कहना मुश्किल है। कुछ शोध के मुताबिक आर्टिफिशियल स्वीटनर्स से एक जहरीला पदार्थ DKP (Diketopiperazine) निकलता है जो शरीर में एकत्र होकर ब्रेन ट्यूमर की समस्या पैदा कर सकता है।
इसलिए अगर आप आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का उपयोग करते हैं तो स्टेविया का इस्तेमाल करें क्योंकि ये नेचुरल है। कुछ व्यंजनों में आप इसकी जगह एप्पल सॉस भी उपयोग कर सकते हैं।
पोटैटो चिप्स
पोटैटो चिप्स कई कारणों से हेल्दी नहीं होते हैं। जैसे इन्हें ट्रांसफैट में तला जाता है, इनमें बहुत सारा सॉल्ट होता है जोकि ना सिर्फ कैंसर के खतरों को बढ़ा सकता है, और दिल की बीमारियों का भी खतरा बन सकता है। कई चिप्सों में प्रेसर्वस्टिव और आर्टिफिशियल कलर मौजूद होते हैं।
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