भारत में आज भी ज्यादातर लोग लव मैरिज के बजाय अरेंज मैरिज को अधिक प्राथमिकता देते हैं। अरेंज मैरिज में दूल्हा-दुल्हन को मिलाने का काम दोनों ने परिवार वाले करते है यानि परिवार वाले अपने बेटे और बेटी के लिए अपनी पसंद से दूल्हा व दुल्हन का चुनाव करते है। शुरुआत में कई लोगों को यह प्रक्रिया थोड़ी अजीब लग सकती है लेकिन जैसे-जैसे बात आगे बढ़ती है, कई चीजें समझ में आने लगती हैं।वहीं, आमतौर पर अरेंज मैरिज में बात बढ़ाने से पहले लड़का-लड़की परिवार और करियर से जुड़े सवालों पर एक दूसरे से बात-चीत करते हैं। लेकिन इन सबके अलावा कई ऐसी छोटी-छोटी बातें भी होती हैं जिन पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।
इन विषयों पर जरूर करें चर्चा–
अतीत के बारे में करें सवाल-
अरेंज मैरिज में किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले होने वाले कपल को अपने अतीत के बारे में सही सूचना देनी चाहिए। हो सकता है जो सीक्रेट आप बताना ना चाह रहे हों, वो शादी के बाद उन्हें किसी और से पता चल जाए। ऐसी स्थिति में रिश्ते में खट्टास आ सकती है और कंडीशन खराब हो सकतीं हैं।
घरेलू कामों पर भी कर लें चर्चा
अधिकतर घरों में यह उम्मीद की जाती है कि शादी के बाद महिलाएं ही घर की जिम्मेदारियां संभालेंगी। लेकिन अगर आप वर्किंग वूमन हैं तो ऐसा कर पाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है तो शादी से पहले इन जिम्मेदारियों पर बात कर लेना बुद्धिमानी होगी। आप होने वाले पार्टनर को पहले ही खुल कर सारी स्थिति बता दें कि आप कौन सी जिम्मेदारियों को निभाना चाहती हैं और किन्हें नहीं निभाना चाहतीं।
फाइनेंशियल कम्पैटबिलटी भी जरूरी-
आज के दौर में भावनाओं पर ध्यान देना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी है पैसे-रुपए के मामले पर भी समझदारी दिखाना। अगर दोनों ही लोग वर्किंग है तो अरेंज मैरिज की बात आगे बढ़ाते समय इस मुद्दे पर भी खुलकर बात करनी चाहिए। जैसे- शादी के बाद आप अपने खर्चों को किस तरह बाटेंगे? क्या आप खर्चों को आधा-आधा करके बांटना पसंद करेंगे या फिर एक की सैलरी खर्च करेंगे और दूसरे की सैलरी को सेविंग पर लगाएंगे, किस तरह का हिसाब रखना चाहेंगे।
अगर आप महिला हैं और शादी के बाद भी अपने माता-पिता का खर्च और उनसे जुड़ी जिम्मेदारियां उठाना चाहती हैं तो अपने होने वाले पार्टनर को इस बारे में पहले ही बता दें यह आगे चलकर बेहतर साबित होगा। अगर आप वर्किंग नहीं भी हैं तब भी अपने होने वाले पार्टनर से इस बारे में जरूर बात कर लें कि शादी के बाद पैसे-रुपयों के मसलें में आप किस तरह की स्वतंत्रता चाहती हैं।
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