International Breaking : दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्रपतियों में से एक पुतिन को इतिहास बदलने के लिए भी जाना जाता है। पुतिन के फैसले अक्सर दुनिया को अचंभित कर देते है। ऐसा ही कुछ ऐतिहासिक फैसला उन्होंने एक बार फिर से लिया है।
व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर से देश के संविधन को अपने हक के लिए बदल डाला है। अब रूस के राष्ट्रपति 2036 तक दो बार और राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं।
अगर व्लादिमीर पुतिन चुनाव लड़ेंगे तो जाहिर सी बात है, उन्हें हराएगा कौन? व्लादिमीर पुतिन ने 2036 तक राष्ट्रपति पद पर आसीन रहने के लिए लाए गये विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
व्लादिमीर पुतिन साल 2000 में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करते हुए रूस के राष्ट्रपति के तौर पर कमान संभाली थी।
इसके बाद वो 2004 में फिर से राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत गये। रूसी संविधान के मुताबिक कोई भी शख्स तीसरी बार लगातार राष्ट्रपति नहीं बन सकता है।
लिहाजा 2008 में व्लादिमीर पुतिन रूस के प्रधानमंत्री बन गये। उस वक्त दिमित्री मेदवेदेव रूस के राष्ट्रपति थे।
साल 2012 में एक बार फिर से व्लादिमीर पुतिन रूस के राष्ट्रपति बन गये और 2008 के राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव 2012 में रूस के प्रधानमंत्री बन गये।
2012 में व्लादिमीर पुतिन पूरे 6 सालों के रूस के राष्ट्रपति बने। फिर व्लादिमीर पुतिन 2018 में रूस के राष्ट्रपति बने और अब 2024 में उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है। लेकिन, उससे पहले ही उन्होंने रूस के संविधान में संशोधन कर दिया है।
व्लादिमीर पुतिन पहले भी रूस के संविधान को कई बार अपनी मर्जी से बदल चुके हैं और इसके लिए उनकी सख्त आलोचना भी होती है लेकिन इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है।
व्लादिमीर पुतिन का कार्यकाल 2024 में खत्म होने वाला था लेकिन उससे पहले ही उन्होंने संविधान में बदलाव कर दिया।
पिछले साथ जनसमर्थन के साथ संविधान को बदला गया था और अब खुद पुतिन ने उस विधेयक पर साइन कर संविधान संशोधन को कानूनी रूप भी दे दिया।
यानि अब अगर व्लादिमीर पुतिन चुनाव लड़ते हैं और जीतते हैं तो फिर वो 2036 तक रूस के राष्ट्रपति रह सकते हैं।
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