कोरोना से निपटने को मौसम के हिसाब से फैसले लेना पड़ेगा भारी? जानें WHO की नई चेतावनी

 कोरोना से निपटने के लिए मौसम के हिसाब से पाबंदियों पर फैलने लेना सरकारों को भारी पड़ सकता है।  संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम संगठन ने गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी करके सरकारों को सलाह दी है। कोविड-19 संक्रमण पर मौसम के असर को लेकर यह विस्तृत अध्ययन किया गया।  रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल ऐसे कोई साक्ष्य मौजूद नहीं हैं जिसके आधार पर इस संक्रमण को मौसम के बदलाव से जोड़कर देखा जा सके। या फिर इस बदलाव के हिसाब से सरकारें अपने यहां पाबंदियां लगाने या हटाने से जुड़े फैसले ले सके।  


संयुक्त राष्ट्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए 16 सदस्यीय विशेषज्ञों के एक दल ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस संक्रमण के थमने या फैलने के पीछे मौसम की निर्भरता के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के प्रो. व अध्ययन के अग्रणी शोधकर्ता बेन जैचिक का कहना है कि मास्क की अनिवार्यता, यात्रा प्रतिबंध लागू करने, मरीजों की ट्रेसिंग, ज्यादा से ज्यादा नमूनों की कोविड-19 जांच कराने जैसे तरीकों पर ही संक्रमण फैलना या नियंत्रित होना निर्भर करता है। सरकारों को मौसम बदलने को आधार बनाकर पाबंदियों में ढील देने जैसी गलती नहीं करनी चाहिए। 

गर्मी में बढ़ सकता संक्रमण 
विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले एक साल से यह कहा जा रहा है कि सर्दी और बरसात के मौसम में कोरोना संक्रमण अपने चरम पर होगा और गर्मी में संक्रमण थमने लगेगा लेकिन हमने पिछले साल देखा कि कुछ देशों में गर्मी में संक्रमण बढ़ा। यही इस साल भी संभव है इसलिए मौसम को फैक्टर मानकर प्रतिबंधों में ढील जैसी नीतियां न बनायी जाएं। 

कई साल तक रहा कोरोना तो बन जाएगा मौसमी बीमारी 
रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल मौसम के बदलाव और वायु गुणवत्ता जैसे कारकों का कोविड-19 संक्रमण के फैलने में कोई रोल नहीं है लेकिन अगर यह संक्रमण कई साल तक बना रहा तो इसके फैलने में मौसम एक अहम कारक बन जाएगा। तब यह संक्रमण एक खतरनाक सीजनल रोग के रूप में सामने आ सकता है और सरकारों को मौसम के आधार पर अपनी नीतियां बदलनी पड़ सकती हैं लेकिन फिलहाल इसकी आवश्यकता नहीं है। 

एक नजर में 

मास्क, स्वच्छता, दूरी और जांचों की नीति को कायम रखे सरकार
- संक्रमण घटने के बावजूद एकसाथ प्रतिबंधों को न हटा ले । 
- कोरोना संक्रमण और मौसम के बीच संबंध को आधार बनाकर फैसले न ले।
- सर्दी की तरह ही गर्मी में भी संक्रमण चरम पर हो सकता है। 

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