हरियाणवी गायिका सपना चौधरी के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मुताबिक, उन्होंने नया घर खरीदने के बहाने पैसे लिए थे लेकिन लौटाए नहीं। वहीं सपना चौधरी ने आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि समय आने पर सब कुछ साफ हो जाएगा।
दर्ज एफआईआर के मुताबिक एक पॉपुलर रियलिटी शो से बाहर होने के बाद सपना चौधरी ने 2018 में एक दोस्त के जरिए चावला से संपर्क किया था और वित्तीय स्थिरता के लिए कंपनी के साथ काम करने में रुचि दिखाई थी। कई दौर की बात के बाद 2018 में चावला और चौधरी के बीच एक समझौता हुआ। नियम और शर्तों के अनुसार, सपना शिकायतकर्ता कंपनी के अलावा किसी अन्य कंपनी के साथ काम नहीं कर सकती थी।
मई 2018 में सपना और उनके भाई ने तत्काल जरूरत बताकर चावला से 50 रुपये लाख मांगे। इस पर उन्हें 25-25 लाख के दो चेक दिए गए। अगस्त में उन्होंने 10 लाख और सितंबर में 3 लाख रुपये चावला के लौटा दिए। उन लोगों ने चावला से नवंबर में 1.5 लाख रुपये फिर लिए और इस तरह कुल 38.5 लाख रुपये ले लिए।
शिकायत में कहा गया है कि चौधरी ने नया घर खरीदने के बहाने चावला से लोन का भी इंतजाम करवा लिया लेकिन कई वादों के बावजूद बकाया रकम नहीं लौटाई। जनवरी 2020 में चावला और चौधरी के बीच एक और समझौता हुआ जिसमें शिकायतकर्ता और उसके सहयोगियों से लिए गए पूरे लोन की रकम का जिक्र था और यह पुष्टि की गई थी कि शिकायतकर्ता की 3.5 करोड़ की राशि उनके पास लंबित है।
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