Mahakumbh Mela 2021 इस बार होगा विशेष.
Mahakumbh Mela 2021 इस बार Mahakumbh एक साल पहले ही लग रहा है. इसका आयोजन 12 साल की जगह 11 साल पर ही किया जा रहा है. इस साल Mahakumbh का आयोजन हरिद्वार में किया जा रहा है. इस उत्सव को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है.
वहीं, श्रद्धालु पुण्य कमाने के लिए Mahakumbh Mela 2021 में जाने की तैयारी भी शुरू कर दिये है. Mahakumbh में स्नान करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
वहीं, मान्यता है कि कुंभ में स्नान करने पर पितरों का भी उद्धार हो जाता है. इस बार Mahakumbh में 4 शाही और 6 मुख्य स्नान होंगे. कुंभ मेला का आयोजन 12 साल बाद होता है, लेकिन साल 2022 में बृहस्पति कुंभ राशि में नहीं होंगे. इसलिए इस बार 11वें साल यानि कि एक साल पहले ही Mahakumbh Mela 2021 पर्व का आयोजन किया जा रहा है.
Mahakumbh Mela 2021 शाही स्नान की तिथियां
इस बार पहला शाही स्नान 11 मार्च 2021, शिवरात्रि के दिन पड़ेगा.
दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल 2021, सोमवती अमावस्या के दिन पड़ेगा.
तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल 2021, मेष संक्रांति पर पड़ेगा.
चौथा शाही स्नान 27 अप्रैल 2021, को बैसाख पूर्णिमा के दिन पड़ेगा.
Mahakumbh Mela 2021 में शामिल होंगे 13 अखाड़े-
इस बार Mahakumbh Mela 2021 के पर्व में चार शाही स्नान होंगे. इस बार महाकुंभ में 13 अखाड़े शामिल होंगे. प्रत्येक अखाड़े की ओर से कुंभ के दौरान झांकियां निकाली जाती हैं, जिसमें नागा बाबा आगे चलते हैं, और उनके पीछे महंत, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर चलते हैं.
Mahakumbh का महत्व-
पद्म पुराण के अनुसार जो व्यक्ति महाकुंभ में स्नान करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. तीर्थों में संगम को सभी तीर्थों का अधिपति माना गया है. इस संगम स्थल पर ही अमृत की बूंदें गिरी थी, इसीलिए यहां स्नान का विशेष महत्व है. यहां स्नान करने से शरीर और आत्मा शुद्ध हो जाती है.
यहां पर लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान भी करते हैं. Mahakumbh Mela 2021 का आयोजन 12 साल पर किया जाता है. हिन्दू धर्म में अखाड़ों के शाही स्नान के बाद संगम में डुबकी लगाने का बड़ा धार्मिक महत्व है.
Mahakumbh Mela 2021 त्यौहार में आम श्रद्धालु एक से पांच बार डुबकी लगाता है, जबकि अखाड़ों के नागा तो एक हजार आठ बार तक नदी में डुबकी लगाते हैं...
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