सिंघु बॉर्डर पर हिंसा के दौरान SHO समेत कई पुलिसकर्मियों पर तलवार से हुआ हमला.
डिजिटल डेस्क:
3 नए कृषि कानून को रद कराने की मांग को लेकर जारी किसान आन्दोलन के बीच सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार दोपहर में बड़ा बवाल हो गया. स्थानीय ग्रामीणों और किसान प्रदर्शनकारियों में शुक्रवार को फिरसे भिड़ंत हो गई. दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पथराव किया. सिंघू बॉर्डर पर स्थानीय लोगों व आंदोलनकारियों के बीच पथराव के चलते कई लोग घायल हुए हैं, इनमें पुलिसकर्मी भी शामिल है.
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वहीं सिंघु बॉर्डर पर हालात पर पाने के लिए वहां तैनात पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े हैं और हल्का बल का प्रयोग भी किया है. इस पथराव में पुलिस सहित कई लोग घायल हो गए हैं. फिलहाल यहां पर माहौल बेहद तनावपूर्ण है. बताया जा रहा है कि पिछले 2 महीने से भी अधिक समय से किसानों के प्रदर्शन के चलते आसपास के ग्रामीणों में काफी रोष है.
यहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों से जगह खाली करवाने का विरोध कर रहे बॉर्डर के आसपास के गांव के लोग व आंदोलनकारी आपस में भिड़े, जिसके बाद हालात खराब होने लगे. इस दौरान दोनों ओर से पत्थरबाजी हुई. वहीं, पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. आंदोलनकारियों में कुछ उपद्रवी भी तलवार लेकर पहुंचे, जिसे पुलिस ने कब्जे में लिया.
अलीपुर SHO पर प्रदर्शनकारियों का तलवार से हमला-
सिंघु बॉर्डर पर बवाल के दौरान अलीपुर थाने में तैनात SHO पर प्रदर्शनकारियों ने तलवार से हमला किया है. इसमें उनके हाथ पर तलवार लगी है, जिससे उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है.
यही वजह है कि किसानों द्वारा रास्तों को रोककर प्रदर्शन करने के विरोध में स्थानीय लोग भी आ गए हैं. शुक्रवार दोपहर सिंघु बॉर्डर पर कई गांवों के किसानों ने प्रदर्शन कर मांग की कि किसान यहां से जाएं. उन्होंने कहा कि किसानों के इस तरह से 2 महीने से भी अधिक समय से प्रदर्शन करने के चलते न केवल कारोबार प्रभावित हुआ है, बल्कि सैकड़ों लोग बेरोजगार तक हो चुके हैं.
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सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली की सीमा पुलिस ने सील कर दी है. आसपास की दुकानें भी बंद करा दी गई है, जिससे सिंघु व कुंडली की ओर लोगों की आवाजाही बंद हो गई है. ऐसे में सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों का जोश ठंडा पड़ रहा है. धीरे-धीरे धरने में किसानों की संख्या कम हो रही है.
ग्रामीणों का नेतृत्व कर दिल्ली देहात विकास मंच के महासचिव अनूप सिंह मान ने बताया कि गणतंत्र दिवस पर लाल किले में उपद्रव कर देश की गरिमा को धूमिल करने वाले ऐसे लोगों ने पिछले दो माह से सिंघु बार्डर को बंद कर रखा है. ऐसे में आवागमन ठप होने से दिल्ली देहात बंधक बना हुआ है.ग्रामीणों को रोज रोज कोई न कोई मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. लोग अस्पताल नहीं जा पा रहे हैं. महिलाएं घरों से निकल कर कहीं आजा नहीं पा रही है. लोग रिश्तेदारों के यहां नहीं जा पा रहे हैं. अगर लोग घर से निकलते हैं तो उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. लोगों को मीलों पैदल चलना पड़ रहा है.
गणतंत्र दिवस की घटना के बाद गांव के लोगों के मन में आक्रोश देखा जा रहा है. देहात के लोग बिना किसी गलती के मुसीबतों का सामना कर रहे हैं. लेकिन अब उनका धैर्य जबाव देने लगा है. यही कारण है कि अब ग्रामीण सिंघु बार्डर को खाली कराने को लेकर संकल्पित हो चुके हैं...
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