जयपुर: आठ महीने से बुला-बुलाकर परेशान कर रही थी पुलिस, पीड़ित बुजुर्ग की मौत

 जयपुर में पुलिस की असंवेदनहीनता का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि राजस्थान की राजघानी जयपुर में धोखाधड़ी के एक मामले में फागी थाने के पुलिसकर्मी पीड़ित 75 वर्षीय बुजुर्ग को आठ महीने से लगातार थाने बुला-बुलाकर परेशान कर रहे थे। 26 जनवरी को जब पीड़ित को थाने बुलाया गया तो पूछताछ के दौरान उनकी मौत हो गई। अब बुजुर्ग के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना यह है कि पुलिसवाले आरोपी पक्ष के साथ बैठकर चाय पीते थे और उन्हें ही परेशान करते थे।

मामला यह है

जयपुर के नारी खेड़ा गांव में 75 वर्षीय खेमचंद बैरवा रहते थे। उनकी एक बेटी कमलेश है। शादी के काफी समय तक जब खेमचंद को बेटा नहीं हुआ तो उन्होंने अपनी साली के बेटे भारत को गोद ले लिया। बताया जा रहा है कि खेमचंद के पास 24 बीघा जमीन थी। इसमें से 16 बीघा उन्होंने भारत और आठ बीघा जमीन कमलेश के नाम पर कर दी थी, जिससे भारत भड़क गया।

गोद लिए बेटे ने दर्ज कराया झूठा अरोप

आरोप है कि जमीन का विवाद नहीं सुलझा तो गोद लिए बेटे भारत ने खेमचंद पर झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया। दरअसल, उसने खेमचंद पर अपनी पत्नी के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया। ऐसे में खेमचंद को कुछ समय जेल में भी रहना पड़ गया था।

 

पीड़ित ने भी दर्ज कराया था केस

खेमचंद की बेटी कमलेश ने बताया कि उसके पिता ने भी भारत के खिलाफ फसल चोरी करने का केस दर्ज कराया था। पुलिस वाले इस मामले में खेमचंद को बार-बार थाने बुलाते थे। आरोप है कि उस दौरान पुलिसकर्मी आरोपी भारत के साथ बैठकर चाय पीते थे और उसके पिता को प्रताड़ित करते थे।

पूछताछ के दौरान हुई मौत

पुलिस बातचीत से पता चला है कि 26 जनवरी के दिन भी पुलिस ने खेमचंद को पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ के दौरान अचानक खेमचंद की मौत हो गई, जिसके बाद थाने में हड़कंप मच गया। वहीं, कमलेश ने अपने पिता की मौत के लिए पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार ठहराया। पुलिस वालों पर गंभीर आरोप लगने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है। आला अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खेमचंद की मौत की वजह पता लगेगी, जिसके बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

DIGITAL DESK PUBLISHED BY: ANURAG SINGH

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