वाट्सएप से क्यों फैल रही अफवाह!


   वाट्सएप से क्यों फैल रही अफवाह!



  • ज्यादातर दंगे वाट्सएप से ही फैल रहे!
  • शाहीनबाग में वाट्सएप से ही फैली अफवाह?
  • पिछले 60 दिन से बंद है शाहीनबाग!
  • रोज हो रहा लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान!
  • स्कूली बच्चे और एंबुलेंस को भी नहीं जाने दे रहे!
  • आखिर कैसे रुकेगा वाट्सएप की अफवाह पर रोक?
  • सरकार कब इस पर नया तंत्र विकसित करेगी?
  • दंगे भड़काने में अहम भूमिका निभा रहा सोशल मीडिया!





सोशल मीडिया आज कई लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा हो गया है... फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हम तमाम तरह के मैसेज एक-दूसरे को भेजते हैं... कई बार हम मैसेज को बिना पढ़े ही आगे फॉरवर्ड कर देते हैं... जो बाद में अफवाह का रूप ले लेता है... वाट्सएप इस समय सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला सोशल मीडिया प्लेटफार्म है.. इस प्लेटफार्म से जहां आम इंसान को सहूलियत मिली है.. वहीं इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल कुछ असामाजिक तत्व भी उठाते हैं.. जिससे दंगे होते हैं या समाज में वैमनस्यता फैलती है... दिल्ली का शाहिनबाग और लखनऊ का घंटाघर इसका सबसे ताजातरीन उदाहरण है... आइये इसी मुद्दे पर एक विश्लेषण करते हैं.. और जानते हैं कि वाट्सएप से कैसे फैल रहा वैमनस्य.. 


 वॉट्सऐप 2009 में आईफोन और ऐंड्रॉयड यूजर्स के लिए लॉन्च किया गया था.. शुरुआत में इसे मेसेजिंग ऐप के तौर पर लॉन्च किया गया था... लेकिन साल के अंत तक वॉट्सऐप ने इसमें फोटो और विडियो शेयरिंग फीचर भी उपलब्ध करा दिया.. वाट्सएप भारत में इतना लोकप्रिय है कि भारत में वाट्सएप के करोड़ों ग्राहक है.. लेकिन वाट्सएप के जहां फायदें हैं वहीं इसके नुकसान भी है... वाट्सएप अब अफवाह फैलाने का भी माध्यम बन गया है... दिल्ली का शाहीनबाग और लखनऊ का घंटाघर इसका ज्वलंत उदाहरण है... मात्र वाट्सएप पर मैसेज पढ़कर शाहीनबाग के लोग इस आंदोलन में शामिल हो गए हैं.. गुमराह होने का आलम ये है कि महिलाएं रात रात अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ बैठ गई हैं.. कोई भी मुस्लिम नेता, मुफ्ती, मौलवी, और इमाम ऐसा सामने नहीं आ रहा जो वाट्सएप पर ही लोगों को समझा दे कि सीएए से भारत के मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं है.. लेकिन सब बहती गंगा में हाथ धोने में लगे हैं.. वहीं मुस्लिमों के रहनुमा बनने वाले दल भी आंख मूंदे हुए हैं.. और आग को भड़का रहे हैं...


 आपको याद होगा कि जैसे ही कैब बिल यानि नागरिक नागरिकता संशोधन विधेयक के कानून बनते ही पूरे देश में कैसे आग लग गई थी.. समुदाय विशेष ने पूरे भारत में पुलिस बल पर हमला बोल दिया था.. वहीं आम नागरिकों से भी झड़प की थी.... वहीं यूपी में उग्र प्रदर्शनकारियों से हुई झड़प में 16 लोगों की मौत हो गई थी.. लखनऊ में उग्र प्रदर्शनकारियों ने ना केवल पुलिस के ऊपर पेट्रोल बम फेंके थे बल्कि न्यूज चैनल की ओबी वैन भी जला दी थी... वहीं लखनऊ की कई बसे भी जला दी थीं. इसके साथ ही कोलकाता में ट्रेनों में आग लगाने का प्रयास किया था.. और पटरियां भी उखाड़ दी थीं.. वहीं बिहार में हुए उग्र प्रदर्शन में समुदाय विशेष के प्रदर्शनकारियों ने कई मंदिरों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था.. दिल्ली में तो स्कूली बस में बैठे बच्चों को भी आग के हवाले करने का प्रयास किया था.. वहीं कई लोकल बसों को आग के हवाले कर दिया था.... इसकी मुख्य वजह क्या थी.. इसकी मुख्य वजह थी अफवाह.. और वो अफवाह ये थी कि सीएए के बहाने भारत के मुस्लिमों को भारत से निकाल दिया जाएगा... उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा... उनको यातनाएं दी जाएंगी... शायद ये ही कारण था कि धर्म विषेश उग्र हो गया था और कई महीनों तक उसने पूरे देश में आग लगा दी थी... अभी भी देश के कई इलाके ऐसे हैं जो वाट्सएप से फैली अफवाह की वजह से अब भी जल रहे हैं... इसका मुख्य कारण वाट्सएप से फैलाई गई अफवाह है.. जो तेजी से एक फोन से दूसरे फोन में फैलती गई... और घर घर पहुंच गई.. मुस्लिमों को सुनियोजित साजिश के तहत भड़काया गया और आग ऐसी लगी कि शरजील इमाम टाइप के लोग देश को तोड़ने तक की बात करने लगे.. ये ही नहीं शाहीनबाग में जिन्ना वाली आजादी की मांग की जाने लगी.. पीएम मोदी और गृहमंत्री और सीएम योगी को जमकर गाली दी गई.. इसका मेन कारण सीएए कानून को लेकर वाट्सएप से फैली अफवाह है...

वहीं ये भी गौर करने वाला तथ्य है कि हमेशा अशांत रहने वाला कश्मीर धारा 370 हटाने के बाद भी शांत रहा था.. इसका कारण केंद्र सरकार की सजगता थी.. केंद्र सरकार ने सतर्कता दिखाते हुए इंटरनेट पर बैन लगा दिया था.. इससे लोग वाट्सएप का इस्तेमाल नहीं कर पाए और अफवाह फैलने से बच गई... शायद ये ही कारण है कि बात बात पर पत्थरबाजी करने वाले कश्मीर के अलगावादी लोगों को भड़का नहीं पाए.... अब सवाल उठता है कि वाट्सएप में फैल रहे गुमराह करने वाले मैसेज को रोकने का क्या उपाय है... 

 


विशेषज्ञों की राय से इतना तो साफ हो गया है कि अफवाह को रोकने का एक ही उपाय है और वो ये कि जैसे ही आपको कोई भी ऐसा मैसेज मिले जिसमें आपको तनिक भी संदेह हो.. तो पहले तो आप उस मैसेज को बिना सत्यता जाने फारवर्ड ना करें और अगर मैसेज आपत्तिजनक है तो इसकी शिकायत आप पुलिस से करें.. फिलहाल दिल्ली में शाहीनबाग में जो भी चल रहा है उसकी जड़ में वाट्सएप ही है.. क्योंकि वाट्सएप के द्वारा ही धर्म विशेष को को गुमराह करने वाले मैसेज उनके पास पहुंच रहे हैं.. अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाये... और जो भी अफवाह फैलाता मिले उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए.. अब देखना ये होगा कि सोशल मीडिया और वाट्सएप से शाहीन बाग में फैली अराजकता कब खत्म होती है.. फिलहाल दिल्ली चुनाव तक तो इसके खत्म होने के आसार नहीं है.. क्योंकि शाहीन बाग में सभी को अपना अपना वोट बैंक दिखाई दे रहा है.. 


संपादन- सचिन शर्मा






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