बालों के झड़ने पर अब ना हों परेशान

  बालों के झड़ने पर अब ना हों परेशान!

  • आ गई नई तकनीक, बालों को बनाएगी मजबूत
  • मिजोडरमा रोलर तकनीक लेकर आई रोशनी की किरण
  • बालों को झड़ने से रोकगा रोलर
  • रोलर को बालों पर चलाया जाता है
  • रोलर से निकल जाती है बालों में जमा गंदगी
  • रूसी से भी मिलता है आराम
  • बालों की जड़ों को मजबूत करती है रोलर तकनीक
  • थाइराइड और बीपी के कारण झड़ने लगते हैं बाल
  • उचिन खानपान ना खाने से भी झड़ते हैं बाल
  • सही समय पर रोलर के इस्तेमाल से युवाओं को होगा लाभ


भारत में बालों का झड़ना लोगों के लिए चिंता का विषय है.. बालों के झड़ने पर होने वाले तनाव को प्रदर्शित करती दो फिल्मे अभी हाल ही में रिलीज हुई है.. बाल झड़ना युवाओं के लिए किसी त्रासदी से कम नहीं है.. भारत में काफी बड़ी संख्या में लोग गंजे हो रहे हैं.. इसी बात को समझते हुए वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक खोज निकाली है, जिसका नाम है मिजोडरमा रोलर. इस तकनीक से ना केवल बाल मजबूत होते हैं.. बल्कि उन पर जमा गंदगी और रूसी से भी राहत मिलती है.. 


अगर आप के बाल गिर रहे हैं या टूट रहे हैं तो यह समाचार आप के लिए है... जी हां, अगर सही से खानपान नहीं रखा या बीपी और थाइराइड नियंत्रित नहीं रहा तो 35 वर्ष के बाद बाल टूटने या गिरने लगते हैं... और व्यक्ति धीरे-धीरे गंजा हो जाता है... कहीं कहीं टुकड़ों में गंजापन फैल जाता है और देखते ही देखते सिर से बाल कम हो जाते हैं.. ऐसे में बाल झड़ने और टूटने से बचने के लिए लोगों को मिजो डरमा रोलर की तकनीक से काफी मदद मिल सकती ह.. ये तकनीक बालों को काफी मजबूत बनाने के साथ ही गंजेपन से भी लोगों को बचाने में इन दिनों कारगर सिद्ध हो रही है.. सिर से कम होते बाल इन दिनों अधिक उम्र वालों के लिए कम और युवाओं के लिए अधिक चिंता का सबब बन रहा है.. सर्वाधित चिंता 30 से 40 साल तक के युवाओं के लिए इन दिनों सामने आ रही है... कंधे पर गिरते बाल इस उम्र वालों को अधिक परेशान कर रहे हैं..

हेयर स्पेस्लिस्ट कहते हैं कि भारत में बालों का झड़ना आम बात है.. बालों का झड़ना भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में भी चिंता का सबब बना हुआ है.. ट्राइकोलाजिस्ट कहते हैं कि जब आप के बाल गंदे और उसमें ड्रेंडफ होगा तो वे टूटने के साथ गिरेंगे भी.. समय रहते इन पर ध्यान दिया जाए जो गंजा होने से बचा जा सकता है..  बालों की समस्या 80 प्रतिशत खोपड़ी की ऊपरी परत में होती है.. मिजो डरमा रोलर तकनीक में सबसे पहले खोपड़ी के खराब ऊपरी त्वचा को साफ किया जाता है... उसके बार डेंड्रफ को समाप्त किया जाता है... सात से आठ सीटिंग के बाद व्यक्ति को फर्क साफ दिखने लगता है...

अमूमन दूसरे अन्‍य खर्चीले उपायों से यह उपाय काफी सरल और सस्‍ता होने से लोगों के बीच काफी लोकप्रिय भी हो रहा है.. वहीं युवाओं के बीच ये उपचार की तकनीक काफी हद तक चर्चा में है... सुरक्षित होने और काफी किफायती होने के साथ ही कम समय लेने की वजह से भी यह काफी लाभदायक है... हालांकि इसके लिए सतर्क रहने की जरूरत है कि बालों के झड़ने और टूटने की शुरुआत होते ही उपचार शुरू हो जाए.. ताकि जल्‍द ही बालों को होने से वाले स्‍थाई नुकसान से रोका जा सके.

EDITOR- SACHIN SHARMA

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