मानव में हुआ दानव का निवास, अपराध पर कब कसेगा शिकंजा?

        मानव में हुआ दानव का निवास

  • अपराध पर कब कसेगा शिकंजा ?
  • क्या भारत अराजकता कि ओर जा रहा है?



आज हम एक ऐसे युग में जी रहें हैं जहां मानवता की कोई फिक्र नहीं है....21वीं सदी में ईनसानियत शर्मसार हो चुका है....अहिंसा की इस धरती पर आज हिंसा की वातावरण मजबुत हो गया है....बलात्कार और हत्या के रंग में लिप्त हो रहा है ये मातृभूमि.....सवाल ये है कि क्या देश में न्याय प्रणाली पर भोरोसा नहीं रहा.....लोकतांत्रीक देश आज अराजकता की ओर कदम बढ़ा रहा है.......क्या एनकाउंटर करके हम अपराध मुक्त भारत बाना पायेंगे...




एक तरफ जहां देश में आर्थिक संकट और बेरोजगार की दिशा कि ओर बढ़ता जा रहा तो वहीं देश में बेटी महिलाऐं भी अपने आपको सुरक्षित महसुस नहीं कर पा रहें हैं.खास बात ये है कि सरकार राम राज्य और हिन्दुत्व कि बात करता है  मगर राष्ट्र में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर केवल कानुन बनाने की बात ही संसाद तक सीमित है.अपराध मुक्त भारत का दावा करने वाले  सरकार के पाश अब सबसे बड़ा चुनौति है अगर मोदी जी एक नया भारत का निर्माण करना चाहतें हैं तो अपराध को रोकना जरूरी है. आपको बता दें ये कभी संभव नहीं क्योंकि जब लोकतंत्र के मंदिर में अपराधीओं को जगह दिया जाता है तब आमजनता के उपर क्या भोरसा है. याद कीजिए 2014 में मोदी जी का वो भाषण जिसमें मान्यवर ने कहा था कि दिल्ली में  दिन प्रतीदिन बल्ताकार की खबरे आ रहें है. कहीं रेप का राजधानी तो नहीं बन गया दिल्ली.....मा बेटे की सरकार चल रहा है ..... सबसे हैरान कि बात ये भी है कि उन्नाव और हैदराबाद या पुरे भारत में हो रही है बलात्कार जैसे जघन्य अपराध पर प्रधान मंत्री मोहदय ने एक शव्द भी खर्च नहीं किये है. लेकिन सच तो ये है कि रेप और हत्या  की कैपिटल अब देश के सबसे बड़ा प्रदेश उत्तर प्रदेश बन गया है...



गौरतलब है कि देश में पिछले 7 साल के आंकड़े पर नजर दिया जाये तो आप भी जानकर आश्चर्य हो जायेंगे.जी हां 7 साल में पुरे भारत में करीब 5 लाख से ज्यादा बलत्कार और यौन उत्पीड़न जैसे केस सामने आया है. इसमें केवल रेजिस्टर केसेस है जो थाने तक पहुंचा  है. इस आकलन के तहत प्रतिदिन 130 रेप हो रहें है ये नव भारत में.ये नये भारत की निर्माण में सबसे अहम भूमिका है राम जन्मभूमि उत्तर प्रदेश को क्योंकि ओसोतन के हिसाव से युपी पहले स्थान पर है. आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखऊ से 65 किलोमिटर दूर उन्नाव का नाम शीर्ष पर है. पिछले 11 महिने के रिकॉर्ड देखा जाए तो गैंग रेप की मामला 85 तो वहीं योन शोषन की बात करे तो करिब 190 मामला दर्ज किया गया है.एक रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले 2012 में अखिलेश यादव की सरकार के शाषन पुरे प्रदेस भर में  केवल 9 माह में 40 बलात्कार और हत्या जैसे वर्वर घटना में केस दर्ज हुई थी.इसके बाद की रिपोर्ट देखा जाये तो , यूपी में 8834,वर्ष 2015 में यूपी में हत्या के सबसे ज्यादा 4732 मामले दर्ज किए गए. उत्तर प्रदेश में 3,025 मामले दर्ज हुएथे. उत्तर प्रदेश में पिछले 2 साल में बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराध की बात करे तो उन्नाव, ऐटा , मिर्जापुर, कानपुर, बलरामपुर, देवरिया, आगरा, बलिया, शाहजांहपुर , बुलंदशहर , कौशांबी, गोंडा, झांसी,बाराबांकी , गाजियाबाद , मथुरा , सहरानपुर , मेरठ , मऊ समेत कोई जिले में ऐसे वर्वरोचित अपराधमूलक घटनाये सामने आता है. वहीं उन्नाव इस तालिका में देश के शीर्ष पर है.



देश के बाकि राज्यों की बात करें तो 2012 में मध्यप्रदेश इस मामले में सबसे ऊपर है। मप्र में रेप के सबसे अधिक 15,275 मामले दर्ज किए गए। पश्चिम बंगाल में 11,427, यूपी में 8834 और असम 8060 का स्थान है। 7703 रेप केस के साथ महाराष्ट्र इस सूची में पांचवें नंबर पर है यानी कुल 51 हजार 299 बलात्कार हुए।रिपोर्ट के मुताबिक 2007 से 2008 के बीच 18 से 30 की उम्र के करीब 57,257 लोगों को गिरफ्तार किया गया। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा यह आंकड़े सिर्फ महिला अत्याचार के आधार पर जारी किए गए हैं।वर्ष 2014 की तुलना में वर्ष 2015 में देश भर में गंभीर अपराधों की घटनाओं में करीब 5 फीसदी की कमी आई है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रूप से आंकड़ा अब भी बेहद ज्यादा है। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2015 में यूपी में हत्या के सबसे ज्यादा 4732 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद बिहार में 3178, महाराष्ट्र में 2509, मध्य प्रदेश में 2339, पश्चिम बंगाल में 2096 मामले दर्ज किए गए। महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में यूपी सबसे आगे रहा। यहां ऐसे 35527 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 33218 और महाराष्ट्र में 31126 मामले दर्ज किए गए। मध्य प्रदेश में 28165 मामले दर्ज हुए। इससे साफ है कि यूपी में महिलाओं के खिलाफ रोजाना प्रतिशत 97 अपराध हो रहे हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराधों में पूर्वोत्तर के राज्यों स्थिति बेहतर है। नगालैंड में 90, मिजोरम में 158, मणिपुर में सिर्फ 266 मामले सामने आए।  देश भर में बलात्कार के 34,651 मामले दर्ज किए गए। राज्यों में मध्य प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली इस सूची में शीर्ष पर है। मध्य प्रदेश में बलात्कार के 4,391, उत्तर प्रदेश में 3,025 मामले दर्ज हुए। पंजाब में 2,164, हिमाचल प्रदेश में 733 मामले दर्ज किए गए। वहीं, केंद्र शासित प्रदेशों में बलात्कार की सर्वाधिक घटना, 2,199 मामले, दिल्ली में दर्ज किए गए।.राजस्थान  में 5 महीने में 12 गैंगरेप और 20 बलात्कार, 2 मासूमों से रेप के बाद हत्या का केस दर्ज किया गया है. 
  

EDITORIAL BY- CHANDAN DAS


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