कश्मीर में आतंकियों का खात्मा करेगी रोबो आर्मी!


       कश्मीर में आतंकियों का खात्मा करेगी रोबो आर्मी!

कश्मीर में आतंक सफाया करने के लिए रोबो आर्मी को लाने की तैयारी की जा रही है.. ये रोबो आर्मी आतंक का सफाया करने में सक्षम हैं. ये रोबोट दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त करेंगे.. रोबो आर्मी को इसी साल के अंत तक लाने की तैयारी हो रही है.. सेना को आधुनिक बनाने के प्रयास के तौर पर ये काम किया जा रहा है.. ये रोबोट पाकिस्तानी सेना के हमलों को नाकाम करेंगे. और आतंकियों पर भी नजर रखेंगे. भारत सरकार 550 रोबोटिक्स सर्वेलांस यूनिट खरीदने की तैयारी कर रही है.



मोदी सरकार भारतीय सेना को शक्तिशाली और अत्याधुनिक बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.. इसी कड़ी में भारतीय सेना ने कश्मीर घाटी में आतंक के समूल नाश के लिए अपनी रोबो आर्मी को उतारने की तैयारी कर ली है... ये रोबोट आतंकियों के गुप्त ठिकाने में घुसकर न केवल उनकी सही स्थिति बताएंगे... बल्कि उसे तबाह भी करने में भी सक्षम होंगे... खास बात ये है कि ये रोबो आर्मी इसी माह के अंत तक यहां उतार दी जाएगी. 

भारतीय सेना अपने पराक्रम के लिए जानी जातीहै.. पूरी दुनिया में भारतीय सेना की साख है.. लेकिन भविष्य के युद्ध केवल सैनिकों के बल पर नहीं बल्कि टेक्नोलाजी के बल पर भी लड़े जाएंगे.. इसी को देखते हुए रोबो आर्मी को खरीदने की योजना तैयार हो रही है.. ये रोबोट ना केवल आतंक प्रभावित क्षेत्रों में सेना की आतंकरोधी यूनिट और सुरक्षाबलों के लिए सहायक सिद्ध होंगे... बल्कि इससे भारतीय सेना पूरी तरीके से हाईटेक हो जाएगी.. इतना ही नहीं दुश्मन की घुसपैठ को विफल बनाने और पाकिस्तानी सेना के हमलों को नाकाम बनाने के लिए ये रोबोट काफी कारगर सिद्ध होंगे.. सेना के अधिकारियों ने बताया की सेना को बदलते परिवेश की आवश्यक्ताओं के अनुरूप अत्याधुनिक बनाने का प्रयास चल रहा है.. इसी के तहत रक्षा मंत्रालय पहले चरण में 550 रोबोटिक्स सर्वेलांस यूनिट खरीद रहा है और इन्हें जल्द सेना को सौंपने की तैयारी की जा रही है.. सेना के अधिकारियों ने बताया कि ये रोबोट किसी भी आतंकरोधी अभियान के दौरान आतंकियों पर हमला भी करने में सहायक होंगे...


 सुरक्षा बलों के लिए आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में सबसे बड़ी चुनौती उनकी सही संख्या और उन के पास उपलब्ध हथियारों की पूरी जानकारी लेने की होती है.. ये रोबोट ऑपरेशन के दौरान किसी भी मकान या अन्य आतंकी ठिकाने में आसानी से घुसकर वहां की गतिविधियों का पूरा ब्योरा लेने में सक्षम होगा.. इसके अलावा वीडियोग्राफी के माध्यम से आतंकियों की सही लोकेशन पता करने में मदद करेगा.. प्रत्येक यूनिट में एक लांचिंग सिंस्टम, एक ट्रांसमिशन सिस्टम और दिन-रात तस्वीरें लेने में समर्थ एचडी कैमरा भी होगा.. ये किसी भी मकान या इमारत से करीब 200 मीटर की दूरी तक स्पष्ट वीडियो फुटेज भी भेज सकते हैं.. ये रोबोट रिमोट नियंत्रण रेखा पर निगरानी और फिर उसके आसपास ऐसी किसी जगह पर छानबीन कर सकते हैं.... जहां घुसपैठियों या पाकिस्तान के बैट दस्ते के छिपे होने की आशंका हो... ऐसे में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की हर चाल से निपटने में सेना की अग्रिम पंक्ति के लड़ाके साबित हो सकते हैं... यह रोबोट करीब 25 साल तक सेवा में उपलब्ध रहेंगे.. सबसे पहले इन्हें जम्मू कश्मीर के आतंक प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा.. इसके बाद इन्हें देश की दूसरी सीमाओं पर तैनात किया जाएगा..


सेना में आर्टिफिशियर इंटेलीजेंसी के इस्तेमाल को लेकर पूरी दुनिया में इस समय बहस छिड़ी हुई है.. एक पक्ष ये चाहता है कि तकनीक के इस्तेमाल से सेना की क्षमताएं बढ़ाई जाए.. वहीं मानवाधिकारवादी कहते हैं कि रोबोटिक मशीनें काम तो कर सकती हैं.. लेकिन युद्ध में जिस प्रकार विवेक की जरूरत होती है उसका इस्तेमाल सिर्फ एक सैनिक ही कर सकता है... फिलहाल रोबो सेना के आने से देश की सेना पर क्या फर्क पड़ेगा ये तो भविष्य ही बताएगा.. लेकिन इतना तय है कि सेना को आधुनिक बनाने की दिशा में उठाया गया ये कदम सही है.. क्योंकि भविष्य की लड़ाई सैनिक से ज्यादा टेक्नोलाजी से लड़ी जाएगी.

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