प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के फ़िरोज़पूर (Ferozepur) दौरे को सुरक्षा चूक की वजह से रद्द करना पड़ा था। इसके बाद से ही सियासी गलियातों से मिली-जुली प्रक्रिया सामने आ रही है। इसी क्रम में पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Chief Minister Charanjit Singh Channi) ने गुरुवार (6 जनवरी) को नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर आरोप लगाते हुए कहा की, “जान को ख़तरे की नौटंकी का उद्देश्य राज्य में लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार को गिराने का है। प्रधानमंत्री देश के एक सम्मानित नेता हैं, लेकिन उनके क़द के नेता को इस तरह की घटिया नौटंकी में शामिल होना शोभा नहीं देता।”
नवीन अनाज मंडी में 18 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की आधारशिला रखने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने आरोप लगाया है की, “बुधवार (5 जनवरी) को भाजपा की रैली की विफलता इस तथ्य का प्रतिबिंब थी कि बुद्धिमान पंजाबियों ने पार्टी के विभाजनकारी एजेंडे को पूरी तरह से ख़ारिज कर दिया है। मोदी (Modi) की जान को कोई ख़तरा नहीं था, बल्कि फ़िरोज़पुर (Ferozepur) में भाजपा की रैली में लोगों की संख्या कम होने की वजह से उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया। रैली स्थल पर खाली कुर्सियों की वजह से प्रधानमंत्री सुरक्षा ख़तरे के तुच्छ कारण का हवाला देते हुए राष्ट्रीय राजधानी वापस चले गए।”
चन्नी (Channi) ने आरोप लगाया की, “जिस झूठे बहाने पर प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा रद्द की, वह पंजाब को बदनाम करने और राज्य में लोकतंत्र की हत्या करने की एक बड़ी साज़िश का हिस्सा है, जैसा कि पूर्व में जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में किया गया। अगर प्रदर्शनकारी 1 किलोमीटर से अधिक दूर थे तो प्रधानमंत्री की जान को ख़तरा कैसे हुआ। जहाँ मोदी (Modi) का क़ाफ़िला रुका, वहाँ एक नारा भी नहीं लगा, तो उनकी जान को ख़तरा कैसे हो सकता था? अगर प्रधानमंत्री के आस-पास के ख़ुफ़िया अधिकारियों को उनकी सुरक्षा के लिए ख़तरा महसूस हुआ था तो वे क्या कर रहे थे?”
चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने कहा की, “पंजाबियों ने देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है और वे कभी भी प्रधानमंत्री के जीवन व सुरक्षा के लिए कोई ख़तरा पैदा नहीं कर सकते। रैली में जनता की कम उपस्थिति ने राज्य में भाजपा की ख़राब स्थिति को उजागर कर दिया है। 70,000 कुर्सियों के साथ रैली में केवल 700 लोग मौजूद थे, यह मोदी सरकार (Modi Government) के ख़िलाफ़ लोगों के मन में बढ़ती नाराज़गी को दर्शाता है। खाली कुर्सियों ने भाजपा और उसके पूरे नेतृत्व को जनता की भावनाओं को समझने में विफलता के बारे में आईना दिखाया है। पंजाबियों ने आग़ामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के घमंडी नेताओं को सबक सिखाने का मन बना लिया है और भाजपा का यह फ़्लॉप शो इसकी झलक था। प्रधानमंत्री और उनकी मंडली की नौटंकी का मक़सद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना है।”
0 komentar:
Post a Comment