महाराष्ट्र में Public Toilets की कंडीशन बेहद खराब, लॉन्च हुआ ‘Right to Pee’ अभियान

 The Right To Pee: The Gender And Caste Privileges Of Urination

महाराष्ट्र के नागपुर में इस वक्त पब्लिक शौचालय (public toilets) की कंडीशन बेहद ही खराब चल रही है। खराब स्थिति के कारण वहां पर राइट टू पी (Right to Pee) अभियान को शुरु किया गया है। इस अभियान के जरिए यह मांग की गई है कि यहां के लोगों को साफ-सुरक्षित और फ्री शौचालय उपलब्ध कराएं जाएं। इस अभियान को गांधीबाग और सीताब मेन रोड क्षेत्र में दुकानों में काम करने वाली औरतों और लड़कियों का सहयोग मिला है।

Nagpur organisation launches 'Right to Pee' campaign for clean, safe toilets

आपको बता दें कि नागपुर की जनसंख्या के अनुसार, सार्वजनिक शौचालयों की संख्या कम होने के कारण यहां काफी दिक्कतें आ रहीं है। इसके साथ ही जितने शौचालय शहर में उपलब्ध हैं उनकी हालत काफी खराब हो चुकी है। इनका रखरखाव सहीं से नहीं होता है और मरम्मत ना होने के कारण यहां पर गंदगी भी जमा हो गई है। जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हैं। यहां पर स्थित सीताबरडी, महल, इतवारी जैसे बड़े बाजारों में शौचालय नहीं होने के कारण नागरिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बाजार में काम करने वाली औरतों और लड़कियों को शौचालय नहीं होने के कारण काफी परेशानी हो रही है। बता दें कि महानगर के रूप में विकसित हो रहे नागपुर शहर में स्वच्छता सुविधाओं की काफी कमी है।

Women demand 'Right To Pee' - The Hindu

यहां के नागरिक सिटिजन फोरम (Nagpur Citizens Forum) ने राइट टू पी अभियान लॉन्च किया है। इस अभियान के माध्यम से पब्लिक यूरीनल (Public urinals) और शौचालयों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। शहर के विभिन्न हिस्सों में फोरम के सदस्य उपलब्ध शौचालयों का दौरा कर वहां की स्थिति का जायजा ले रहे हैं। इस सर्वेक्षण में दी गई सूचना के आधार पर एक तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके साथ ही साथ बाजार परिसर और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर भी जनमत संग्रह कराया जाएगा। इस अभियान के जरिए दुकानों और कार्यालयों में काम करने वाली महिलाओं की शौचालयों को लेकर शिकायतों का भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

RIGHT TO PEE CAMPAIGN | Prashanth Vishwanathan

इस अभियान के लॉन्च करने के साथ ही हस्ताक्षर अभियान भी आरंभ किया गया है। जिसके जरिए बड़ी संख्या में नागरिकों के हस्ताक्षर एकत्र किए जा रहे हैं। इस हस्ताक्षर अभियान के जरिए स्वच्छ, सुरक्षित, मुफ्त और प्रचुर मात्रा में शौचालय की मांग की जा रही है। जागरूकता, जनमत संग्रह और हस्ताक्षर अभियान इस अभियान का पहला स्टेज है। नागपुर नागरिक मंच ने अन्य महानगरों में इस मुद्दे पर एक समिति का गठन किया है, वह स्वच्छता और शौचालय सुविधाओं का अध्ययन करेगा। यह उन शहरों में काम की रिपोर्ट तैयार करेगी जहां इस संबंध में निर्देशात्मक कार्य किया गया है और इसे नागपुर नगर निगम को पेश करेगा।

RIGHT TO PEE CAMPAIGN | Prashanth Vishwanathan

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