केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने कुछ समय पहले ऐलान किया था कि एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ़्ट होते समय वाहन मालिकों को वाहनों का दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने की ज़रूरत नहीं होगी, बल्कि उन्हें भारत सीरीज़ (BH-Series) के नंबर प्लेट मिलेंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा निकाली गई इस नई सीरीज़ को BH के नाम से जाना जाता है और यह नंबर प्लेट पूरे देश में लागू होगी। वाहनों को एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ़्ट करते वक़्त वाहन मालिकों को एक लंबी-चौड़ी क़ाग़ज़ी कार्रवाई और औपचारिकताओं से ग़ुज़रना पड़ता था, लेकिन यह BH सीरीज़ इस समस्या से निजात दिला सकती है। इस सीरीज़ का पहला नंबर महाराष्ट्र में केंद्र सरकार के एक कर्मचारी को जारी किया गया है।
मोटर व्हीकल एक्ट 1988 (Motor Vehicle Act 1988) के सेक्शन 47 (Section 47) के तहत दूसरे राज्य में वाहन के इस्तेमाल के लिए 12 महीनों के अंदर दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है, जिसके लिए वाहन मालिक को पुराने राज्य के RTO से NOC सर्टिफ़िकेट (NOC Certificate) लेना पड़ता है और नए राज्य में रोड टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। इसके अलावा, कार मालिक को जल्द से जल्द रोड टैक्स रिफ़ंड के लिए आवेदन करना चाहिए, ऐसे में धनवापसी राज्य के द्वारा की जाती है। लेकिन नई भारत सीरीज़ नंबर प्लेट के मुताबिक, आपको किसी तरह का रजिस्ट्रेशन करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
रक्षा कर्मियों, केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों सहित निजी संस्थान से जुड़े लोगों, जिनके 4 से ज़्यादा राज्यों या केंद्र प्रशासित प्रदेशों में दफ़्तर हैं, वे सभी कर्मचारी अब अपने वाहन के लिए भारत सीरीज़ का रजिस्ट्रेशन नंबर ले सकते हैं। सरकारी क्षेत्र के लोगों को भारत सीरीज़ की नंबर प्लेट लेने के लिए अपना आधिकारिक पहचान पत्र देना होगा और निजी क्षेत्र के लोगों को फ़ॉर्म 60 भरना होगा। जानकारी के लिए बता दें, सरकार ने अब भारत सीरीज़ के रजिस्ट्रेशन नंबर जारी करना शुरू कर दिए हैं।
BH सिरीज़ का फ़ॉर्मेट YY BH #### XX रखा गया है। इसके तहत:
- YY: पहले रजिस्ट्रेशन का साल
- BH: भारत सीरीज़ का कोड
- ####: 0000 से 9999 में से कोई 4 नंबर
- XX: अल्फाबेट्स (AA से ZZ तक)
BH सीरीज़ नंबर प्लेट वाले वाहनों को ख़रीद के समय 15 साल के रोड टैक्स का भुगतान करने के बजाय 2 साल के लिए और उसके बाद हर 2 साल में रोड टैक्स का भुगतान करना होगा। 10 लाख से कम क़ीमत वाले वाहनों पर 8 फीसदी टैक्स लगेग। जबकि 10 लाख से 20 लाख के बीच की क़ीमत वाले वाहनों पर 10 फ़ीसदी टैक्स लगाया जाएगा। 20 लाख से ज़्यादा क़ीमत वाले वाहनों पर 12 फ़ीसदी टैक्स लगेगा। डीज़ल से चलने वाले वाहनों से नियमित राशि के अलावा 2 फ़ीसदी अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। इलेक्ट्रिक वाहनों से निर्धारित राशि से 2 फ़ीसदी कम टैक्स लिया जाएगा।
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