दिल्ली में आज (21 दिसंबर) को विपक्षी पार्टियों ने एक मार्च निकाला जिसमें उनकी मांग थी की राज्यसभा के 12 सांसदों के निलंबन को वापस लिया जाए और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टोनी (Ajay Mishra Toni) को हटाया जाए। यह मार्च दोपहर 1 बजे से संसद भवन स्थित गांधी प्रतिमा से विजय चौक तक के लिए प्रारंभ हुआ था। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में अजय मिश्रा (Ajay Mishra) के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को गिरफ़्तार किया जा चुका है। संसद के शीतकालीन सत्र के लिए अपनी रणनीति तय करने के लिए सुबह आयोजित बैठक के बाद विपक्षी पार्टियों ने इस प्रदर्शन का फ़ैसला लिया।
ग़ौरतलब है कि, स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (SIT) की रिपोर्ट में लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत को एक सोची समझी साजिश बताया गया था। इस रिपोर्ट के आने के बाद केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra) को हटाए जाने की मांग ने ज़ोर पकड़ लिया है। अजय मिश्रा (Ajay Mishra) का बेटा आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) इस मामले में मुख्य आरोपी है और फ़िलहाल जेल में है। विजय चौक पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा की, 'हम सब एकजुट हैं। हम कहना चाहते हैं कि हम एक साथ हैं और किसानों के ख़िलाफ़ हिंसा के लिए जो भी ज़िम्मेदार हैं, उन पर कार्रवाई हो।
इस मामले में भाजपा ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra) को हटाने से इनकार कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, ‘भाजपा नेतृत्व की राय है कि, स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (SIT) की रिपोर्ट अंतिम नहीं है और अदालत में मामले की सुनवाई चल रही है। वैसे भी बेटे की करतूतों की सज़ा पिता को नहीं दी जा सकती। पत्रकारों के साथ अजय मिश्रा के रवैये को ज़रूर ग़लत माना गया है और उन्हें हिदायत दी गई है कि आगे से ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए।’ इस मामले की जाँच कर रही टीम ने जज को लिखा है कि, “आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) के ख़िलाफ़ आरोपों को 'संशोधित' किया जाना चाहिए।”
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