Saudi Arab in India : कुछ समय से सऊदी अरब और भारत के बीच संबंध अच्छे नहीं चल रहे है। जिसका कारण कच्चे तेल को माना जा रहा है।
दरअसल बीते समय में भारत में बढ़े पेट्रोल व डीजल के दामों के बढ़त का कारण भी सऊदी अरब ही माना जा रहा है।
कोरोना वायरस के चलते कुछ समय से विदेशों में कच्चे तेल के उत्पादन में कमी आयी है, जिससे भारत में तेल की कीमतें आसमान पर पहुंच गईं लेकिन अब सऊदी अरब ने कच्चे तेल की कीमतों में भी इजाफा कर दिया है|
जिसके बाद भारत में तेल की कीमतों में काफी ज्यादा उछाल आने की आशंका जताई जा रही है। सऊदी अरब ने तेल की कीमतों को लेकर भारत को एक और बड़ा झटका दिया है।
Saudi Arab in India : भारत ने मई महीने में एशिया के लिए भेजे जाने वाले तेल के दामों में इजाफा कर दिया है जबकि सऊदी अरब ने यूरोप के लिए ईंधन के दामों में कोई बदलाव नहीं किया है।
सऊदी अरब का ये फैसला एशियाई देशों के खिलाफ है। खासकर भारत पर इसका सबसे ज्यादा असर होगा। सऊदी अरब सरकार की तरफ से कच्चे तेल की कीमतों को बढ़ाने का आधिकारिक ऐलान कर दिया गया है।
इसके साथ ही सऊदी अरब ने भारत के सामने साफ कर दिया है कि भारत का दबाव उसपर बेअसर रहेगा और भारत ने सऊदी से तेल खरीदने में जो कटौती की है, उसका उसपर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
Saudi Arab in India : दरअसल, भारत की तरफ से सऊदी अरब से क्रूड ऑयल का प्रोडक्शन बढ़ाने की अपील की गई थी|
लेकिन सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री अब्दुल अजीज बिन सलमान अल सऊद ने भारत के अनुरोध को सिरे से खारिज करते हुए बयान दिया था कि भारत अपने उस स्ट्रैटजिक तेल रिजर्व का इस्तेमाल करे, जो उसने पिछले साल तेल की गिरती कीमतों के दौरान खरीदकर जमा कर लिया था।
सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री के इस बयान पर भारत के पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आपत्ति जताई थी।
भारत ने इसके साथ ही क्रूड ऑयल का आयात वियतनाम और अमेरिका से बढ़ा दिया है वहीं अब भारत को ईरान को लेकर भी उम्मीदें जगने लगी हैं।
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