आमतौर पर 15 या 16 साल की उम्र में छात्र अपना हाईस्कूल पूरा कर लेते हैं। लेकिन कभी आपने सुला है कि किसी ने अपना हाईस्कूल डिप्लोमा 96 साल की उम्र में प्राप्त किया। जी हां अमेरिका में द्वितीय विश्वयुद्ध में शामिल एक सेनानी को इस सप्ताह पूरे सम्मान के साथ समारोह के दौरान यह सौंपा गया।
दरअसल, रेमंड शॉफर ने अपने परिवार को समर्थन करने के लिए और द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अपने देश की सेवा के लिए अपना हाईस्कूल बीच में ही छोड़ दिया था और सेना में शामिल हो गए थे। जीवनभर सेना में अपनी सेवाएं देने के बाद शेफर को लगभग 80 साल के बाद इस हफ्ते वाटरफोर्ड यूनियन हाईस्कूल की ओर से मानद डिप्लोमा प्रदान किया गया। 1940 के दशक में रेमंड शेफर अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी। पारिवारिक हालातों और युद्ध के माहौल के बीच उन्होंने यह बड़ा कदम उठाया था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सेना में उन्होंने कई साल गुजारे। इसके बाद जब शेफर ड्यूटी से वापस आए तो उन्होंने दशकों तक विभिन्न उपकरणों का निर्माण कर परिवार चलाया।
पारिवारिक मित्रों ने दिया साथ
शेफर के पारिवारिक मित्र ने सिंथिया बेनेट ने बताया कि शॉफर ने अपने परिवार का समर्थन करने के लिए अपनी पढ़ाई को बीच में छोड़ दिया, लेकिन उसे हमेशा इस बात का पछतावा था कि उसका हाईस्कूल डिप्लोमा वो नहीं ले सका। फिर क्या था बेनेट ने एक समारोह के दौरान अपने अन्य दोस्तों और शॉफर के अधिकारियों से इस संबंध में बात की। सबने मिलकर स्कूल से शॉफर को उसका हाईस्कूल डिप्लोमा देने की मांग की, तो देश की सेवा में अपना जीवन बिताने वाले इस सेनानी के लिए यह करने में स्कूल भी मना नहीं कर पाया और स्कूल प्रबंधन ने इस पर अपनी सहमति व्यक्त की।
स्कूल ने कहा, हमें गर्व है
स्कूल की ओर से हामी भरे जाने के बाद सभी दोस्तों ने मिलकर एक समारोह का आयोजन किया। इस समारोह में शॉफर के पुराने स्कूल के शिक्षक और छात्रों समेत उनके परिवार के सदस्य व दोस्त मौजूद थे। समारोह में सम्मानजनक तरीके से स्कूल की ओर से रेमंड शेफर को एक मानद डिप्लोमा और मेडल प्रदान किया गया। जैसे ही रेमंड शॉफर ने समारोह में शिरकत की उन्हें मार्चिंग बैंड द्वारा बधाई दी गई और संगीत की प्रस्तुति दी गई। स्कूल के प्रिंसिपल डैन फोस्टर ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि रेमंड ने न केवल अपने देश की सेवा की, बल्कि उन्होंने दुनिया की सेवा भी की। उन्हें उनका हाईस्कूल डिप्लोमा देते हुए हम सभी को गर्व महसूस हो रहा है।
डिप्लोमा पाकर भावुक हुए रेमंड
इस बीच अपना डिप्लोमा पाकर रेमंड शॉफर फूले नहीं समा रहे थे। वो सम्मान समारोह के दौरान भावुक हो गए। हालांकि उनके चेहरे पर अपना सपना पूरे होने का एहसास भी दिखाई दे रहा था। उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि इसके लिए मैंने एक बहुत लंबा इंतजार किया, आज यह मेरे हाथ में है, मेरी इच्छा पूरी हो गई।
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