सरकारी तेल कंपनियों ने आज 24 दिन बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव किया है। आज डीजल 17 पैसे और पेट्रोल 18 पैसे सस्ता हुआ है। पांच राज्यों में चुनाव की वजह से पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर आज राहत भरी खबर मिली है। हालांकि, इस राहत के बावजूद दिल्ली-मुंबई में पेट्रोल का रेट अपने ऑल टाइम हाई पर है। राजस्थान के श्रीगंगानगर में अभी पेट्रोल के दाम 100.65 रुपये प्रति लीटर और बीकानेर में 99.82 रुपये प्रति लीटर दाम आ गया है। आज बुधवार को दिल्ली में पेट्रोल का दाम 90.99 रुपये, जबकि डीजल का दाम 81.30 रुपये है। वहीं, मुंबई में पेट्रोल की कीमत 97.40 रुपये व डीजल की कीमत 88.42 रुपये प्रति लीटर हो गई है।
चुनावों से पहले कम हुए दाम
बेंट क्रूड ऑयल के रेट 12 मार्च 2021 के अपने पीक 69.13 डॉलर प्रति बैरल से 13 फीसदी तक कम हो गए हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम घटने के बावजूद घरेलू तेल कंपनियों ने दाम नहीं घटाए क्योंकि वह पहले अपने घाटे को रिकवर कर रहीं थी। राज्यों में होने वाले चुनावों के कारण कंपनियों ने 27 फरवरी 2021 से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया था।
कच्चे तेल की कीमतों में आई नरमी
ब्रेंट क्रूड 5 फरवरी 2021 को 60 डॉलर प्रति बैरल था और एक महीने के दौरान इसके दाम नए पीक पर पहुंच गये। ओपेक देशों के कच्चे तेल की सप्लाई कम करने से 11 मार्च 2021 को दाम 69.63 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए। अप्रैल 2020 में कोरोना के कारण ज्यादातर ग्लोबल अर्थव्यवस्थाओं में लॉकडाउन के कारण कच्चे तेल की डिमांड में कमी आई जिसके कारण कीमतें 20 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गई, तब सप्लाई में ग्लोबल आउटपुट का दसवां हिस्सा कम किया गया। हालांकि, ओपेक देशों ने कच्चे तेल की मांग पहले वाले स्तर पर आने के बाद भी सप्लाई को नहीं बढ़ाया।
आगे और कम हो सकते हैं पेट्रोल और डीजल के दाम
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतें बढ़ने के बाद भी घरेलू बाजार में चुनावों के कारण पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होने के आसार कम हैं। पश्चिम बंगाल समेत देश के पांच राज्यों में चुनाव होने हैं। सूत्रों के मुताबिक चुनावों से पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और गिरावट देखने को मिल सकती है। 27 मार्च से चुनाव शुरू होने वाले है और अप्रैल महीने तक चलेंगे।
ऐसे बढ़ जाता है पेट्रोल-डीजल का रेट
पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है। अगर केंद्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकारों का वैट हटा दें तो डीजल और पेट्रोल का रेट लगभग 27 रुपये लीटर रहता, लेकिन चाहे केंद्र हो या राज्य सरकार, दोनों किसी भी कीमत पर टैक्स नहीं हटा सकती। क्योंकि राजस्व का एक बड़ा हिस्सा यहीं से आता है। इस पैसे से विकास होता है।
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