हमारी इस भागदौड़ भरी जिन्दगी में हमें खुद के लिए समय नही मिल पाता है . फिर इसके चलते हमें कई सारी समस्याएं छेलनी पड़ती है .. जैसे जल्दी वृद्ध होना , तेजी के साथ वजन बढ़ना . और भी समय्याएं होती है . कम उम्र में बजन बढ़ना बीमारियों को दावत देने जैया होता है . अगर हम थोड़ा ध्यान दें तो इससे छुटकारा पाया जा सकता है . वजन कम करने के लिए कई तरीके होते हैं जैसे - योगासन हैं.
ये वजन कम करने का सबसे सही तरीका माना जाता है . बता दें कि आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी आसन का चुनाव कर सकते हैं लेकिन कई योगासन ऐसे होते हैं जिन्हें कर पाना हर किसी की बस की बात नहीं होती .
खासतौर पर मोटे या भारी शरीर वाले लोग आसानी से लेटकर योग मुद्राओं को नहीं दोहरा पाते . इसी समस्या को समझते हुए आज हम आपको ऐसे योगासन बता रहे हैं, जिन्हें आप खड़े रहकर कर सकते हैं .
स्टेंडिंग पोज होने की वजह से इन आसनों को करते वक्त न सिर्फ स्पेस कम लगता है बल्कि आप पैरों के बल खड़े रहकर सभी आसनों को आसानी से कर सकते हैं .पेट की चर्बी, वेट कंट्रोल के अलावा इन योगासनों के कई फायदे हैं-
तिर्यक ताड़ासन
कब्ज, कमर के पास जमी चर्बी और शरीर को लचीला बनाने के लिए आप तिर्यक ताड़ासन का भी अभ्यास कर सकते हैं . कई बार आंतों के कमजोर होने से भी शरीर से ठोस मल त्याग करना मुश्किल हो जाता है . इससे शरीर में विषैले पदार्थ जमा होने लगते हैं . पाचन प्रणाली खराब हो जाती है . इसी कारण कब्ज हो जाता है। तिर्यक ताड़ासन इन समस्याओं से मुक्ति दिलाता है .
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त्रिकोणासन
त्रिकोणासन शुरुआती लेवल का बेहद आसान आसन है . इस आसन को विन्यास शैली का आसन माना जाता है . इसे करने की अवधि 30 सेकेंड बताई गई है . दोहराते हुए इसे हर रोज 3-5 बार एक पैर के साथ किया जा सकता है . त्रिकोणासन के निरंतर अभ्यास से टखने, जांघें और घुटने मजबूत हो जाते हैं .
कोणासन
कोणासन करने से रक्त प्रवाह बेहतर होता है . मेरुदंड लचीला बनता है . कफ दूर होता है . चेहरा कांतिमय बनता है, शरीर में फुर्ती आती है और पैरों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है . फेफड़े मजबूत बनते हैं .
प्रसारित पादोत्तानासन
प्रसारित पादोत्तानासन, योग विज्ञान की विन्यास शैली का योगासन है . इसे करने का समय 30 से 60 सेकेंड तक बताया गया है . इस आसन के नियमित अभ्यास से पीठ और हैमस्ट्रिंग मजबूत होती हैं . जबकि पसलियों और टांगों को अच्छा स्ट्रेच मिलता है .
पादहस्तासन
पादहस्तासन के अभ्यास के समय सिर आपके दिल के नीचे होता है . इस वजह से रक्त का प्रवाह पैरों में होने की बजाय सिर की तरफ होने लगता है .इससे दिमाग में रक्त और ऑक्सीजन की अच्छी-खासी मात्रा पहुंचने लगती है .
अगर आप जल्दी और बेहतर परिणाम चाहते हैं तो इसके लिए आप इन सभी आसनों को तीन से पांच बार दोहराएं.
Digital desk news published by-Ruchi dubey
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