ये फास्टैग-फास्टैग क्या है?


ये फास्टैग-फास्टैग क्या है?

  • एक दिसंबर से अनिवार्य हो गया है फास्टैग
  • टोल प्लाजा पर जाम से मुक्ति दिलाता है फास्टैग
  • फास्टैग में लगी चिप गाड़ी की जानकारी इकट्ठा करती है
  • अब टोल प्लाजा पर घंटों जाम में जूझने से मिलेगी मुक्ति
  • नेशनल हाइवे पर सभी टोल प्लाजा पर अनिवार्य होगा फास्टैग
  • फास्टैग क्रेडिट कार्ड की तरह एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है
  • फास्टैग से गाड़ी के ईंधन की होगी बचत
  • फिलहाल चुनिंदा बैंकों, टोल प्लाजा में मिलेगा फास्टैग

पूरे देश में इस समय फास्टैग की चर्चा है.. लोग एक दूसरे से पूछ रहे हैं कि ये फास्टैग-फास्टैग क्या है.. लोग फास्टैग के बारे में अलग अलग बाते कर रहे हैं.. अभी कई लोगों को फास्टैग के बारे में नहीं पता है.. फास्टैग एक ऐसी डिवाइस है जिसके माध्यम से टोल प्लाजा पर लगने वाले लंबे जाम से मुक्ति मिल जाएगी.. इसके साथ ही फास्टैग की वजह से गाड़ियों के ईंधन में भी बचत होगी.. तो आइये तथ्यों के साथ पूरी पड़ताल करते हैं कि ये फास्टैग क्या है.


1 दिसंबर के बाद फास्टैग लेन से गुजरने पर बिना फास्टैग वाले वाहनों को दोगुना टोल देना पड़ेगा...  केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को ये जानकारी दी है.. परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन के तहत 1 दिसंबर से फास्टैग के माध्यम टोल पेमेंट वसूला जाएगा.. इसमें एक हाइब्रिड लेन अलग से होगी, जहां पर बिना फास्टैग वाले वाहनों से अतिरिक्त टोल वसूला जाएगा.. गडकरी ने कहा कि देशभर के नेशनल हाईवे पर मौजूद 537 टोल प्लाजा से होकर गुजरने वाले बिना फास्टैग वाले वाहनों से 1 दिसंबर से दोगुनी राशि वसूली जाएगी... यानि अगले महीने से देश के सभी नेशनल हाईवे पर स्थित सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य हो जाएगा.. ऐसे में अगर किसी वाहन पर फास्टैग नहीं लगा हो... तो उसे टोल से गुजरने में खासा वक्त जाया करना पड़ेगा... आपको बता दें कि फास्टैग कोई तिलिस्म नहीं बल्कि एक सामान्य तकनीक है,.. फास्टैग अमूमन एक छोटा सा, बेहद पतला इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है.. बिल्कुल वैसा ही जैसा कोई भी क्रेडिट, डेबिट कार्ड होता है.. आकार-प्रकार में ये क्रेडिट कार्ड   के आधे या उससे भी छोटा होता है... इसे कार के अगले शीशे पर चिपकाया जाता है.. इसमें एक चिप लगी होती है, जिसमें उस वाहन के बारे में सभी सूचनाएं दर्ज होती हैं.. टोल प्लाजा पर फास्टैग की सूचना एकत्र करने वाले उपकरण लगे होते हैं, जो उस फास्टैग के कैमरे के सामने आते ही वाहन की सभी सूचना एकत्र कर लेते हैं...


अब आप सोच रहे होंगे कि जानकारी तो मिल गई कि फास्टैग क्या होता है.. लेकिन ये कहां मिलेगा इसकी जानकारी भी हम आपको देने जा रहे हैं.. दरअसल फास्टैग को पहली दिसंबर से किसी भी एनएच के टोल प्लाजा से मुफ्त लिया जा सकता है.. उसके अलावा ये एसबीआइ, एक्सिस बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक और एचडीएफसी बैंक समेत कई बैंकों की चुनिंदा शाखाओं से खरीदा जा सकता है.. इसे पेट्रोल पंप के माध्यम से भी सरकार की बेचने की योजना है.. वहीं ये कई ऑनलाइन वेबसाइट पर भी उपलब्ध है.. फास्टैग खरीदने के लिए आपको दस्तावेजों की भी जरूरत होगी. मसलन गाड़ी के कागजात, पासपोर्ट साइज फोटो और आपकी केवाईसी से जुड़े दस्तावेज... केवाईसी में सरकार से प्रमाणित कोई भी दस्तावेज मसलन आधार कार्ड या वोटर आइडी कार्ड, पासपोर्ट या अन्य दस्तावेज का उपयोग आप कर सकते हैं..  अब हम आपको बताएंगे कि फास्टैग कितने का मिलता है. तो इसकी ज्वाइनिंग फीस 100 रुपये है.. इसके बाद अलग-अलग वाहनों के लिए 200 रुपये से लेकर 400 रुपये तक सेक्योरिटी डिपॉजिट देना पड़ता है... इसमें न्यूनतम 100 रुपये का बैलेंस रखना पड़ता है... वहीं फास्टैग को अपने बैंक अकाउंट से ऑनलाइन तथा बैंक शाखाओं के अलावा टोल प्लाजा से रिचार्ज कराया जा सकता है.. आप चाहें तो इसे अपने अकाउंट से लिंक भी करा सकते हैं...


फास्टैग के एक नहीं कई फायदे हैं.. फास्टैग से ना केवल ईंधन की बचत होती है.. बल्कि टोल प्लाजा पर लगने वाले समय की भी बचत होती है... इसके अलावा पर्यावरण का भी भला होता है. फास्टैग के कारण टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ता है.... वहीं अगर रुकना भी पड़े तो काफी कम समय लगता है.. इसके साथ ही टोल प्लाजा पर कैश निकालने और बेलैंस वापस करने जैसे कामों पर लगने वाले समय से मुक्ति मिल जाती है... फिलहाल शुरूआती चरण में फास्टैग सही मालूम पड़ रहा है.. लेकिन ये तो अगला महीना ही बताएगा कि फास्टैग को खरीदने और ना खरीदनें में जनता को क्या-क्या दिक्कतों का सामना करना पड़ता है..                     (संपादन-सचिन शर्मा)

  


About Prime TV

0 komentar:

Post a Comment