अब अवैध कालोनी बिल पर शुरू हुई सियासी जंग!


       अब अवैध कालोनी बिल पर शुरू हुई सियासी जंग!

  • अवैध कालोनियों को रेग्युलराइज करने वाले बिल को मंजूरी
  • पास होने के लिए अब दोनों सदनों में जाएगा विधेयक
  • बीजेपी और आप में क्रेडिट लेने की मची होड़
  • आप ने कहा, इस मुद्दे को उसने 2015 में उठाया था
  • बीजेपी ने कहा, झुग्गियों में रहने वालों की है फिक्र
  • दिल्ली में 40 लाख आबादी रहती है अवैध कालोनियों में
  • 40 लाख से अधिक लोगों को मिलेगा योजना का लाभ
  • दिल्ली विस. चुनाव में इससे फर्क पड़ने के हैं आसार
  • बीजेपी का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा विधेयक
  • जमीनी धरातल पर कब उतरेगी महत्वाकांशी कार्ययोजना?

दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने बड़ा सियासी दांव चल दिया है. मोदी कैबिनेट की हुई बैठक में अवैध कॉलोनियों को रेग्युलराइज करने के विधेयक को मंजूरी दे दी गई... अब ये विधेयक संसद के दोनों सदनों में मंजूरी के लिए जाएगा. आपको बता दें कि अवैध कॉलोनियों को रेग्युलराइज करने की मांग कई सालों से उठ रही थी.. इसे पूरा करके बीजेपी ने अपनी पहली सियासी चाल चल दी है.. इसका असर दिल्ली विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा.. वहीं बीजेपी और आप में विधेयक को लेकर सियासी भिड़ंत तेज हो गई है... बीजेपी जहां इस विधेयक पर खुद को क्रेडिट दे रही है.. वहीं आप ने कहा कि उसने 2015 में इस बिल की मांग की थी... आइये आपको बताते हैं कि बीजेपी और आप में बिल का श्रेय लेने की क्यों मची है होड़.


 कहावत है सूत ना कपास, जुलाहों में लठ्ठम लट्ठा..  कुछ ऐसा ही हाल दिल्ली की अवैध कालोनियों के विधेयक का हो गया है.. अभी ये बिल ना लोकसभा में पास हुआ है और ना ही राज्यसभा में पेश हुआ है.. लेकिन बीजेपी और आप में आरोप और प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है.. बीजेपी और आप दोनों इस बिधेयक का क्रेडिट लेना चाहते हैं.. वहीं इस बिल को मंजूरी मिलने से केजरीवाल सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं... दरअसल, आम आदमी पार्टी दिल्ली में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव शिक्षा और स्वास्थ्य के मसले पर लड़ना चाह रही है.. जिसे लेकर उसने काफी काम भी किया है. वो चाहे सरकारी स्कूलों को मॉर्डन बनाने का काम हो या फिर मोहल्ला क्लिनिक खोलना. हो.. इसके साथ ही दिल्ली में 200 किलोवॉट तक बिजली भी मुफ्त कर दी गई है.. लेकिन चुनाव से दो महीने पहले बीजेपी ने अवैध कॉलोनियों को रेग्युलराइज करने का फैसला करके लोगों को बड़ी राहत दे दी है.. दिल्ली के वोटर्स के लिए एक अहम मुद्दे पर बीजेपी ने बाजी मार ली... अवैध कॉलोनियों को रेग्युलराइज करने के फैसले का असर दिल्ली के 79 गांवों पर पड़ेगा. इनका शहरीकरण होगा और करीब 1700 से अधिक कॉलोनियां नियमित हो जाएंगी. संसद में विधेयक के पास होने के बाद इन कॉलोनियों में रहने वालों को करीब 40 लाख लोगों को मालिकाना हक मिल जाएगा. इन कॉलोनियों में दिल्ली का मिडिल व लोअर क्लास तबका रहता है, जो कई सालों से इन कॉलोनियों के रेग्युलराइज होने का इंतजार कर रहा था.



आपको बता दें बीते महीने 23 अक्टूबर को केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को उनके मकान का मालिकाना हक दिलवाने के लिए प्रस्ताव पास किया था. 29 अक्टूबर को इस बारे में गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया जा चुका है.. मोदी सरकार और बीजेपी लगातार ये दावा कर रहे हैं की संसद के शीतकालीन सत्र में बिल लाकर लोगों को मालिकाना हक़ दिलवाया जाएगा... दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी तो यहां तक कह चुके हैं कि संसद के शीतकालीन सत्र में बिल पास करा कर नवंबर महीने से अनाधिकृत कॉलोनियों में रजिस्ट्री भी शुरू हो जाएगी. दिल्ली में अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से गजट नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है. नोटिफिकेशन के मुताबिक दिल्ली की 1731 अनाधिकृत कॉलोनियां नियमित की जाएंगी. जबकि 69 ऐसी कॉलोनियां हैं जो प्रभावशाली और रसूखदार लोगों की मानी गई हैं. इनको सरकार ने नियमित न करने की सूची में डाला है. कॉलोनी नियमित करने के लिए नोडल एजेंसी डीडीए को बनाया गया है. दिल्ली विकास प्राधिकरण यानी डीडीए ने कॉलोनी नियमित करने के लिए काम शुरू कर दिया है. 


माना जा रहा है कि बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव में अपने इस फैसले को जनता के बीच रखेगी और वोट मांगेगी…. वहीं आप इस मामले का क्रेडिट खुद लेना चाहती है.. सीएम केजरीवाल भी कह चुके हैं कि वो 2015 से ही इस बिल के लिए लगे थे. और बीजेपी ने आप के दबाव में ही इस बिल को मंजूरी दी है... हालांकि बीजेपी कह रही है कि इस मसले पर राजनीति करना ठीक नहीं है.. फिलहाल अभी ये तय नहीं है कि बीजेपी ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए ये तराना छेड़ा है.. या इसे अमलीजामा भी पहनाया जाएगा.. अब देखना अहम होगा कि इस मसले पर बीजेपी और आप केवल एक दूसरे पर आरोप ही लगाती रहेंगी या दिल्ली की 40 लाख गरीब जनता को राहत भी मिलेगी.. फिलहाल तो जो हाल है उसको देखकर तो यही लग रहा है कि बहुत कठिन है डगर पनघट की.





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