पाकिस्तान-चीन की अब खैर नहीं!


     पाकिस्तान-चीन की अब खैर नहीं!

  • भारत से थर-थर कांपेगे चीन-पाकिस्तान!
  • भारत को सौंपे गए 3 और राफेल विमान
  • भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमानों का किया है सौदा
  • करीब 59 हजार करोड़ में की गई थी डील
  • भारतीय पायलटों को दिया जा रहा राफेल का प्रशिक्षण
  • रक्षा मंत्री ने 8 अक्टूबर को हासिल किया था पहला राफेल
  • भारत के कदम के बाद चीन-पाकिस्तान रणनीति बनाने में जुटे
  • पाकिस्तान के एफ-16 विमान से काफी उन्नत है राफेल
  • चीन के अत्याधुनिक विमान जे-20 से काफी आगे है राफेल

भारत को तीन और राफेल विमान मिलने से पाकिस्तान और चीन की हालत खराब हो गई है.. भारत के रक्षा समझौतों के देखकर पाकिस्तान और चीन थर थर कांप रहे हैं.. चीन और पाकिस्तान को डर है कि भारत का अगला कदम क्या होगा.. आपको बता दें कि फ्रांस ने भारत को तीन और राफेल विमान सौंप दिये हैं.. इससे भारत में राफेल विमानों की संख्या चार हो गई है.. भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमानों का समझौता किया है.. जिसमें भारत को अभी 32 और राफेल विमान मिलना बाकी है... आइये आपको बताते हैं कि भारत को राफेल विमानों का सौदा क्यों करना पड़ा और क्या है इस विमान की खासियत.


फ्रांस की तरफ से तीन और राफेल मिलने से भारत सामरिक दृष्टी से और मजबूत हो गया है.. अभी भारत को 32 और राफेल मिलने हैं.. ये विमान अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस हैं और कुछ चुनिंदा देशों के पास ये विमान हैं.. भारतीय सेना के पायलटों को राफेल विमान का प्रशिक्षण देना भी शुरू किया जा चुका है.... बता दें कि भारत और फ्रांस ने 36 राफेल विमानों के लिए सितंबर 2016 में लगभग 59,000 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे... पहला राफेल विमान 8 अक्तूबर को भारत को सौंपा गया था.. विजयादशमीऔर भारतीय वायुसेना के स्थापना दिवस के दिन भारत को विश्व के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक राफेल विमान मिला था...  रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और वाइस चीफ मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा फ्रांसीसी शहर बॉर्डोक्स पहुंचे थे... जहां हैंडओवर सेरेमनीमें फ्रांस ने भारत को राफेल विमान सौंपा था... पहले राफेल को ग्रहण करने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा था कि  हमारे पास विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है... और मेरा मानना है कि राफेल हमें और भी मजबूत बनाएगा.. राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत और फ्रांस के बीच 23 सितंबर, 2016 को 36 राफेल विमानों को लेकर करार हुआ था.. उन्होंने कहा था कि मुझे खुशी है कि राफेल की डिलीवरी सही समय पर हो रही है...


आपको जानकारी के लिए बता दें कि भारत ने चीन और पाकिस्तान से मिल रही चुनौतियों को देखते हुए फ्रांस से राफेल की डील की है.. भारत को जितना खतरा पाकिस्तान से है उतना ही खतरा चीन से भी है.. राफेल चीन और पाकिस्तान के विमानों से काफी ज्यादा उन्नत है... पाकिस्तान के सबसे हाइटेक विमान एफ-16 से राफेल कई गुना आगे है वहीं चीन की सेना के पास मौजूद विमानों की तुलना में ये श्रेष्ठ है.. भारत को राफेल मिलने से पाकिस्तान कितना परेशान है.. ये इसी बात से साबित हो जाता है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि पाकिस्तान किसी हथियार की रेस में शामिल होने को तैयार नहीं है... फैसल ने आगे कहा कि वो सारी दुनिया से कहना चाहते हैं कि इस इलाके को हथियारों की रेस में न धकेलें.. अगर कहीं जरूरत पड़ी तो पाकिस्तान अपनी रक्षा करना जानता है.. चाहे वो राफेल हो या कोई भी हो... वहीं चीन ने भी भारत को मिल रहे राफेल विमान पर चिंता जताई थी..


आइये अब आपको बताते हैं कि राफेल विमान की क्या खासियत हैं.. आपको बता दें कि राफेल विमान एक मिनट में 60 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है.. वहीं इसकी ईंधन क्षमता करीब 17 हजार किलोग्राम है... राफेल की मारक क्षमता 3700 किलोमीटर तक है.. वहीं स्काल्प की रेंज 300 किलोमीटर है. इसके साथ ही राफेल विमान एक बार में 24,500 किलो तक का वजन ले जा सकता है... वहीं  ये विमान 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान भी भर सकता है. राफेल लड़ाकू विमानों की गति 2,223 किलोमीटर प्रति घंटा है... वहीं राफेल विमान 300 किलोमीटर की रेंज से हवा से जमीन पर हमला करने में सक्षम है... राफेल विमान 14 हार्ड पॉइंट के जरिए भारी हथियार भी गिराने की क्षमता रखता है... इसके साथ ही राफेल लड़ाकू विमान हर तरह के मौसम में एक साथ कई काम करने में सक्षम है. मल्टी टास्कर होने की वजह से राफेल एक ऐसा विमान है, जिसे किसी भी तरह के मिशन पर भेजा जा सकता है. भारतीय वायुसेना को इसकी काफी वक्त से जरूरत थी..


जो भी हो इतना तय है कि भारत की वायुसेना को काफी दिनों से ऐसे ही किसी अत्याधुनिक विमान की दरकार थी.. जिसे केंद्र सरकार ने पूरा किया है.. हालांकि राफेल विमानों पर राजनीति भी होती रही और कांग्रेस और विपक्ष ने मोदी सरकार पर महंगे राफेल विमान को खरीदने का आरोप लगाया.. कांग्रेस का कहना था कि जब यूपीए की सरकार में एक राफेल की कीमत 526 करोड़ रुपये थी.. वो मोदी सरकार में 1570 करोड़ रुपये कैसे हो गई.. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.. वहीं बाद में ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया था.. जहां पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दी थी.. फिलहाल इस मुद्दे पर कितनी भी राजनीति क्यूं ना हुई हो लेकिन राफेल विमान के आने से भारत सामरिक रूप से काफी मजबूत हो गया है.. भारत के इस फैसले का असर चीन और पाकिस्तान में भी साफ देखा जा रहा है.. फिलहाल अब देखना होगा कि बाकी बचे 32 राफेल विमान भारत को कब तक मिलते हैं..

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