भारत सहित पूरी दुनिया में कोरोना (Corona) के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए और इस बीमारी से लड़ने के लिए अलग-अलग तरीक़े और कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol) का पालन किया जा रहा है। देश में सरकारें यह भी ध्यान रख रही हैं की कोरोना (Corona) से इस लड़ाई में उनके किसी नागरिक को कोई दिक़्कत न हो। लेकिन चीन (China) अपने देश में कोरोना (Corona) के मामलों को रोकने के लिए ऐसी पॉलिसी अपना रहा है, जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है।
चीन (China) ने कोरोना (Corona) के लिए अपनी ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी (Zero Covid Policy)’ के तहत अपने नागरिकों पर कई कठोर नियम लागू किए हैं, जिसके तहत लाखों लोगों को क्वारंटिन किया गया है। इन लोगों को ‘मेटल बॉक्स’ के अंदर रहने पर मजबूर किया जा रहा है। आपको बता दें की चीन (China) के बीजिंग (Beijing) में अगले महीने के शीतकालीन ओलंपिक की मेजबानी करने की तैयारी हो रही है।
‘डेली मेल (Daily Mail)’ की रिपोर्ट के मुताबिक, “गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुज़ुर्गों को इन तंग बक्सों में 2 सप्ताह तक रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है। भले ही उनके इलाके में एक ही व्यक्ति कोरोना पॉज़िटिव (Corona Positive) मिले। इन बक्सों में लकड़ी के बिस्तर और ट्वायलेट (Toilet) की व्यवस्था है। बताया जा रहा है कि, कई इलाकों में लोगों को आधी रात के बाद कहा गया कि उन्हें अपने घरों को छोड़कर क्वारंटीन सेंटरों (Quarantine Centre) में जाने की ज़रूरत है।”
रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 20 मिलियन लोग चीन (China) में अपने घरों में क़ैद हैं और खाना ख़रीदने के लिए भी उनके घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस सख़्त लॉकडाउन (Lockdown) के बाद 1 गर्भवती चीनी महिला (Pregnant Chinese Woman) का गर्भपात (Abortion/Miscarriage) हो गया। उसे मेडिकल उपचार पहुँचने में देरी हुई है। इसके बाद से चीन (China) के ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी (Zero Covid Policy)’ पर बहस छिड़ गई है। चीन (China) में पहली बार साल 2019 में कोरोना वायरस (Corona Virus) का पता चला था।
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