वेब सीरीज: सनफ्लावर
निर्देशक: राहुल सेनगुप्ता और विकास बहल
प्रमुख कास्ट: सुनील ग्रोवर, रणवीर शौरी, मुकुल चड्ढा, आशीष विद्यार्थी, गिरीश कुलकर्णी
ओटीटी: जी5
क्या है कहानी
कहानी की शुरुआत से पहले आप ये जान लीजिए कि इस सीरीज का नाम 'सनफ्लावर' है, चूंकि ये सनफ्लावर सोसायटी के कुछ लोगों की कहानी है। जैसे कि हर सोसायटी में अलग- अलग तरह के लोग होते हैं, वैसे ही लोग सनफ्लावर में भी हैं। पूरी सीरीज एक मर्डर के इर्द- गिर्द घूमती है, हालांकि सीरीज की शुरुआत में ही दर्शकों को दिखा दिया जाता है कि मर्डर किया किसने है, लेकिन क्या सच में मर्डर उस ही शख्स ने किया है, जिसको आपने शुरू में देखा है? ये सवाल आपके दिमाग में अंत तक घूमता रहेगा। इस मर्डर मिस्ट्री के अलावा भी सीरीज में कुछ किरदारों की अलग- अलग छोटी- छोटी कहानियां चलती हैं, जो अलग- अलग तरह से कोई न कोई मैसेज देती हैं। जैसे कोई सोसायटी बदलकर देश बदलना चाहता है तो दूसरी ओर एक महिला अपने पति को खुश रहने के लिए अपने आप को पूरी तरह से बदलती रहती है।
वेब सीरीज: सनफ्लावर
निर्देशक: राहुल सेनगुप्ता और विकास बहल
प्रमुख कास्ट: सुनील ग्रोवर, रणवीर शौरी, मुकुल चड्ढा, आशीष विद्यार्थी, गिरीश कुलकर्णी
ओटीटी: जी5
क्या है कहानी
कहानी की शुरुआत से पहले आप ये जान लीजिए कि इस सीरीज का नाम 'सनफ्लावर' है, चूंकि ये सनफ्लावर सोसायटी के कुछ लोगों की कहानी है। जैसे कि हर सोसायटी में अलग- अलग तरह के लोग होते हैं, वैसे ही लोग सनफ्लावर में भी हैं। पूरी सीरीज एक मर्डर के इर्द- गिर्द घूमती है, हालांकि सीरीज की शुरुआत में ही दर्शकों को दिखा दिया जाता है कि मर्डर किया किसने है, लेकिन क्या सच में मर्डर उस ही शख्स ने किया है, जिसको आपने शुरू में देखा है? ये सवाल आपके दिमाग में अंत तक घूमता रहेगा। इस मर्डर मिस्ट्री के अलावा भी सीरीज में कुछ किरदारों की अलग- अलग छोटी- छोटी कहानियां चलती हैं, जो अलग- अलग तरह से कोई न कोई मैसेज देती हैं। जैसे कोई सोसायटी बदलकर देश बदलना चाहता है तो दूसरी ओर एक महिला अपने पति को खुश रहने के लिए अपने आप को पूरी तरह से बदलती रहती है।
क्या है खास और कैसा है निर्देशन
राहुल सेनगुप्ता और विकास बहल ने बढ़िया निर्देशन किया है और सीरीज के कई सीन्स काफी बढ़िया हैं। जैसा कि सुनील ग्रोवर ने हिन्दुस्तान को दिए इंटरव्यू में कहा भी था कि सीरीज के कई सीन्स में आपको तब हंसी आती है, जब आप सोच नहीं रहे होते हैं कि कॉमेडी होगी। ये बात कई बार सीरीज में देखने को मिलती है। चाहें शुरुआत में ही डेड बॉडी के पास में मेडिकल स्टाफ की बातचीत हो या फिर कंपनी के कॉल से सोनू (सुनील ग्रोवर) का टाइमपास करना। इस सीरीज को एक और बात जो खास बनाती है वो ये कि जैसे ही आप आगे क्या होगा, प्रिडिक्ट करेंगे, वैसे ही उससे कुछ अलग आपको देखने को मिलेगा।
देखें ये नहीं
8 एपिसोड की इस सीरीज को बेशक परिवार के साथ देखा जा सकता है। हालांकि कुछ सीन्स आप परिवार के साथ देखने में सहज महसूस नहीं करेंगे लेकिन ऐसे सीन्स गिने चुने ही हैं। बाकी जैसे कि करीब का आएगा
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