दिल्ली में घर तक राशन पहुंचाने की योजना (डोर स्टेप डिलीवरी) का ट्रायल सोमवार से शुरू होने जा रहा है। दिल्ली खाद्य विभाग ने बुधवार को आदेश दिया कि अप्रैल के लिए राशन वितरण को पायलट आधार पर किया जाए। यह सीमापुरी सर्कल में सभी राशन की दुकानों पर ई-पीओएस मशीनों का उपयोग करके बायोमीट्रिक सत्यापन के माध्यम से किया जाएगा। इसमें राशन को घर-घर पहुंचाने का ट्रायल भी किया जाएगा। सीमापुरी सर्कल में सभी दुकानों पर टीमें तैनात कर एक सप्ताह तक ट्रायल होगा।
दिल्ली सरकार के खाद्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि योजना को सिर्फ इसलिए दोबारा अधिसूचित करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इसका नाम हटा दिया गया है। यह 20 फरवरी को अधिसूचित की गई थी और 25 मार्च को शुरू होने वाली थी। हम इसे बहुत जल्द लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं। अप्रैल में ही इसकी संभावना है। इसे नए सिरे से अधिसूचित करने की आवश्यकता नहीं है। कैबिनेट ने पहले ही योजना का नाम हटाने के फैसले को मंजूरी दे दी है।
अधिसूचना के अनुसार, दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएससीएससी) के साथ मिलकर चक्की वालों को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों से गेहूं और चावल उठाने का काम सौंपा जाएगा।
लोगों के घरों तक गेहूं और चावल को पहुंचाने से पहले गेहूं को पीसकर आटे में तब्दील किया जाएगा।
चावल में मौजूद तिनके, पत्थर, मिट्टी या अन्य मौजूद अशुद्धियों को साफ किया जाएगा। उसके बाद ही लोगों को दिया जाएगा।
योजना से जुड़ी प्रमुख बातें
वर्तमान में दिल्ली में 2005 उचित दर दुकानों द्वारा राशन का वितरण किया जाता है।
17.77 लाख राशन कार्ड धारक परिवारों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है।
15.12 लाख प्राथमिकता वाले घर, 1.73 लाख राज्य परिवार
68,648 परिवारों को अंत्योदय योजना में विभाजित किया गया है।
बता दें कि, दिल्ली सरकार ने राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना (Doorstep Delivery of Ration) को बिना नाम शुरू करने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार द्वारा "मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना" (Mukhya Mantri Ghar Ghar Ration Yojana) पर पहले इसके नाम के कारण रोक लगा दी गई थी। केंद्र के इस ऐतराज के बाद योजना का नाम हटा दिया गया है।
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