Petrol and diesel के लगातार बढ़ते दामों को लेकर लोग परेशान हैं वहीं अब यह मुद्दा राज्यसभा में भी उठाया गया है। जिसपर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि देश में पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतें अंतर्राष्ट्रीय बाजार की कीमतों से नियंत्रित होती हैं।
हम 80 फीसदी बाहर से खरीदते हैं लिहाजा कीमत उसी पर तय होती है। तेल कंपनियां वही देख कर तय करती हैं।
टीएमसी के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि तेल की खुदरा कीमत कच्चे तेल की कीमत, Petrol and diesel ट्रांस्पोर्टेशन कॉस्ट, ओएमसी मार्जन, फ्रेट कॉस्ट, केंद्र और राज्य सरकारों के टैक्स, एक्साइज ड्यूटी और अन्य टैक्स मिलाकर तय होती है।
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कीमत अब तक कि सबसे ज्यादा स्तर पर हैं. क्या केंद्र सरकार इसको कम नहीं कर सकती। "टैक्स से होने वाली आमदनी केंद्र और राज्य के लिए जरूरी"
इसपर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, अंतर्राष्ट्रीय कीमत तो पैमाना है ही पर ऐसा नहीं है कि सारे टैक्स और ड्यूटी केंद्र सरकार द्वारा वसूला जाता है। इसमें राज्य सरकार भी वसूलती है। सबको विकास और अन्य योजनाएं चलानी हैं और इसका पैसा इधर से भी आता है और सालों से सरकारें ऐसा करती रही हैं. लेकिन ये कीमत बाजार ही तय करता है। Petrol and diesel
वहीं कांग्रेस केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार गुमराह कर रही है 100 रु लीटर तक पहुंच गया है. कितनी बार सरकार एक्साइज ड्यूटी बढ़ा चुकी है। क्या केंद्र सरकार ये कम करेगी. इसपर पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 61$ की कीमत है। Petrol and diesel
ये गंभीर मामला है केंद्र और राज्य सरकार दोनों की जिम्मेदारी। दोनों ही सरकारों ने बढ़ाया है क्योंकि विकास के काम को आगे बढ़ाना होता है. पिछले 2 साल में कम भी हुई है एक्ससाइज ड्यूटी। Petrol and diesel
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