INS विराट को तोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, नौसेना की सेवा से हट चुका है एयरक्राफ्ट कैरियर जहाज


 नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने नौसेना की सेवा से हटाए जा चुके एयरक्राफ्ट कैरियर जहाज आईएनएस विराट को तोड़ने पर रोक लगा दी है. एनविटेक मरीन कंसल्टेंट्स लिमिटेड नाम की कंपनी ने 100 करोड़ रुपए का भुगतान कर उसे बतौर संग्रहालय संरक्षित करने की मांग की थी. आईएनएस विराट को भावनगर के श्रीराम ग्रुप ने खरीदा था. उसे कबाड़ के तौर पर तोड़ा जा रहा है. साल 2007 में भारतीय नौसेना के इस विमानवाहक युद्धपोत ‘आईएनएस विराट’ को रिटायर कर दिया गया था.

दुश्मनों की नापाक हरकतों पर रखता था नज़र
करीब 15 साल तक विराट ने अकेले भारत के दोनों समुद्री तट पूर्व और पश्चिम तट के साथ-साथ अरब सागर से लेकर बंगाल की खाड़ी तक अकेले ही दुश्मनों की नापाक हरकतों पर ही नजर ना रखी, बल्कि किसी को पास भी नहीं फटकने दिया. नौसेना का एक एयरक्राफ्ट कैरियर, ‘विक्रांत’ करीब 18 साल पहले रिटायर हो गया था. जबकि रशिया से दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर, ‘विक्रमादित्य’ नौसेना के जंगी बेड़े में 2014 में शामिल हुआ.
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है नाम
विराट को भी भारत ने 1987 में ब्रिटिश रॉयल नेवी से खरीदा था. उस वक्त विराट का नाम ‘एचएमएस हर्मेस’ था और ब्रिटेश नौसेना में 25 साल गुजार चुका था. उसने अर्जंटीना के खिलाफ फॉकलैंड-युद्ध में महत्वपूर्ण हिस्सा लिया था. विराट का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे अधिक समय तक सेवा देने के लिए शुमार है.

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