उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने की वजह से आई तबाही के बाद राज्य और केंद्र सरकार मिलकर वहां पर युद्ध स्तर पर राहत कार्य को अंजाम देने में जुटी हैं। इस बीच हिमालय भू-विज्ञान संस्थान ने अपनी एक रिपोर्ट में इस तबाही की वजह ग्लेशिययर का टूटना नहीं माना है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी एक बड़ी वजह इस क्षेत्र में ऊंचाई पर आया एक एवलांच था, जिसकी वजह से ग्लेशियर टूटा और रौंगथी गदेरे में एक झील बन गई। बाद में अत्यधिक दबाव की वजह से ये झील टूट गई और इस क्षेत्र में तबाही देखने को मिली। आपको बता दें कि वाडिया संस्थान हिमालयी अध्ययन का विशेषज्ञ संस्थान है।
इस संस्थान में ग्लेशियर एक्सपर्ट के डॉक्टर संतोष राय ने दैनिक जागरण से बात करते हुए बताया कि इस तरह की घटनाएं वहां पर पहले भी होती रही हैं। पहले इस पूरे क्षेत्र में जनसंख्या न के ही बराबर थी, इसलिए इसकी खबरें या तो सामने नहीं आती थी या फिर इनको नजरअंदाज कर दिया जाता था। हालांकि, अब पिछले कुछ समय से यहां पर लोगों की संख्या काफी बढ़ी है, जिसके चलते इस तरह के हादसों में हताहत होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है। उन्होंने बताया कि संस्थान की टीम उस क्षेत्र में गई है, जहां से इस हादसे की शुरुआत हुई थी। ये टीम कल तक वापस आएगी जिसके बाद वहां के ताजा हालात सामने आएंगे। इन हालातों के विश्लेषण के बाद आगे रिपोर्ट सामने रखी जाएगी।
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