हमारे देश के हस्तनिर्मित मलमल और रेशमी वस्त्रों का कभी पूरे विश्व में डंका बजता था। भारत में हाथों से तुरपाई कर बने वस्त्र की पुरानी परंपरा व इतिहास हैै। समय बदलने के साथ ही इनकी मांग कम हो गई क्योंकि मशीनों से वस्त्र बनने लगे। हाथों के उस हुनर को एक नया आयाम व फलक दिया है अमृतसर की एक कंपनी ने जो ऐसी शर्ट तैयार कर रही है, जिसने देश-विदेश में अपनी अलग पहचान बना ली है। हस्तनिर्मित इस कमीज को 50 लोग मिलकर औसतन करीब ढाई दिन में तैयार करते हैं। इन कमीजों को नाम दिया गया है '100 हैंड्स शर्ट'। इनकी मांग 20 देशों में है।
अमृतसर में '100 हैंड्स' ब्रांड की फैक्टरी में तैयार खास शर्टों की मांग भारत ही नहीं, बल्कि यूरोपीय देशों के अलावा जापान, यूएस, आस्ट्रेलिया और सिंगापुर सहित बीस देशों में है। ऐसा इसलिए है कि कीमतों से लेकर इनको तैयार करने का तरीका कुछ हटकर है।
0 हजार से लेकर 75 हजार रुपये तक की कीमत वाली शर्ट को ढाई दिनों में 50 लोग हाथों से ही तैयार करते हैं। फर्म के मालिक ने अपने इस ब्रांड को '100 हैंड्स' के नाम से नीदरलैंड में पंजीकृत करवाया। छह पीढियों से टेक्सटाइल यार्न का बिजनेस करने वाले जैन परिवार द्वारा तैयार की जाने वाली शर्ट के लिए सामान्य तरीके से माप लेने के अलावा पहनने वाले के शरीर के ऊपरी हिस्से का बॉडीग्राफ (हर अंग का बारीकी से साइज) तैयार किया जाता है। तैयार होने के बाद शर्ट के बाहर एक भी धागा कहीं दिखाई नहीं देता है।
फर्म के मालिक अंकित जैन ने बताया कि साल 2006 में उनके भाई अक्षित जैन नीदरलैंड गए थे। वहीं, उन्होंने इस फर्म को रजिस्टर्ड करा शर्ट तैयार करने के लिए अमृतसर में यूनिट लगाया। पांच एक्सपर्ट कर्मचारियों के साथ शुरुआत हुई। आज इसमें 40 टेलर और मैनुअल स्टिचिंग के 20 एक्सपर्ट्स के साथ 140 लोग काम कर रहे हैं। दस एक्सपर्ट्स शर्ट के लिए कपड़े की कटिंग और पैटर्न मास्टर के रूप में काम कर रहे हैं।
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