PM नरेन्द्र मोदी बोले- कुछ खिलाड़ियों में अनुभव कम पर हौसला बुलंद था, उन्होंने इतिहास रच दिया.
Team India: PM नरेंद्र मोदी ने असम की तेजपुर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया.
इस दौरान प्रधानमंत्री ने Team India की ऑस्ट्रेलिया में जीत का खास तौर से जिक्र किया. PM नरेंद्र मोदी ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए हमारे कुछ खिलाड़ियों को अनुभव भले ही कम था, लेकिन हौसला बुलंद था. मौका मिला तो उन्होंने इतिहास रच दिया."
PM नरेन्द्र मोदी ने असम के आजादी की लड़ाई में योगदान का जिक्र भी किया.
https://twitter.com/narendramodi/status/1352488140259221505
PM नरेंद्र मोदी के भाषण की खास बातें-
Team India की जीत से 3 सीख मिलती हैं.
अपनी क्षमताओं पर विश्वास होना चाहिए. यदि आप ऐसा करते हैं, तो मुश्किल काम भी आसान होगा.
Positive सोच के साथ आगे बढ़ें. इससे सारे काम पॉजिटिव होंगे.
सुरक्षित निकलने और मुश्किल जीत का विकल्प हो तो, हमें जीत की तरफ जाना चाहिए. इस कोशिश में कभी-कभी हार भी मिलती है, तो हमें डरना नहीं चाहिए. हम अतिरिक्त दबाव लेते हैं, तो भटक जाते हैं.
Team India ने ऑस्ट्रेलिया में देश का टेम्परामेंट दिखाया-
आपने देखा होगा कि कोरोना काल में आत्मनिर्भर अभियान हमारे सपनों के अंदर घुल मिल गया है. हमारे प्रयास, सिद्धि हम अनुभव कर रहे हैं. लेकिन ये अभियान है क्या? क्या बदलाव फिजिकल स्ट्रक्चर में है? सबसे बड़ा बदलाव इंस्टिंक्ट का है. हर समस्या से निपटने के लिए देश का मिजाज बदल चुका है. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया टूर में देश का टेम्परामेंट देखने को मिला. पहले मैच में बुरी हार हुई, लेकिन बाद में युवा खिलाड़ियों ने चैलेंज का सामना किया. नए समाधान तलाशे.
आज का भारत एक्सपेरिमेंट से नहीं डरता
हमारी सरकार आज जिस तरह नॉर्थ-ईस्ट के विकास में जुटी है, जिस तरह कनेक्टिविटी, शिक्षा और स्वास्थ्य हर सेक्टर में काम हो रहा है, उससे आपके लिए नई संभावनाएं बन रही हैं. इन संभावनाओं का पूरा लाभ उठाइए. आज का भारत समस्या के समाधान के लिए एक्सपेरिमेंट से भी नहीं डरता और बड़े स्केल पर काम करने से भी पीछे नहीं हटता.
हमारी वैक्सीन पूरी दुनिया को सुरक्षा का भरोसा दे रही-
Corona में हमने तेजी से फैसले लिए, इसलिए हम प्रभावी रूप से लड़ पाए. Made in India solution से वायरस के प्रभाव को कम किया. हमारी Vaccine की क्षमता भारत ही नहीं, दुनिया को सुरक्षा कवच का भरोसा दे रही है. अगर हम अपने डॉक्टर्स, रिसर्चर्स पर भरोसा नहीं करते तो क्या ये संभव हो पाता? अगर हम ये सोच लेते कि कम लिटरेसी के बावजूद देश की बड़ी आबादी डिजिटल ट्रांजैक्शन कैसे कर पाएगी, तो हम पीछे रह जाते. इसके उलट हमने बेहतर करके दिखाया.
देश की आजादी में असम का अहम योगदान-
भूपेन हजारिका दा के साथ ही ज्योति प्रसाद अग्रवाल और विष्णु प्रसाद तेजपुर की पहचान रहे हैं. आप इनकी कर्मभूमि-जन्मभूमि में पढ़े हैं, इसलिए आपमें गर्व का भाव होना और गौरव के कारण आत्मविश्वास से भरा जीवन होना बहुत स्वाभाविक है. हमारा देश इस बार आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. सैकड़ों वर्षों की गुलामी से आजादी दिलाने में असम के लोगों का बहुत बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने अपना जीवन दे दिया, जवानी खपा दी...
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