साइकिल चलाकर पा सकते है नौ जवानो जैसी Immunity जाने ज़रूरी बाते

 Immunity ये एक ऐसा शब्द है जिसको 2020 में हर एक इंसान ने जान लिया है। आज बच्चे बच्चे के जुबान पर ये शब्द है। इम्युनिटी हमारे लिए पहले से ही महत्वपूर्ण थी पर 2020 में कोरोना के चलते ये हमारे लिए जीवनदायी बनी हुई है। हर एक इंसान आज अपनी Immunity को बढ़ने में लगा हुआ है।

इम्युनिटी हमे बीमारी से लड़ने में सहायता करता है। ये हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है।

महामारी कोरोना के चलते आज ये बेहद ज़रूरी बन गया है। हम सबके लिए की हम हमारी Immunity को सही रखे ताकि कोरोना जैसी महामारी से ये हमे लड़ने में सहायता प्रदान करे। ये ज़रूरी नहीं है की सिर्फ कोरोना के वजह से ही हम हमारी Immunity को बढ़ाये बल्कि इम्युनिटी हमे एक स्वास्थ ज़िन्दगी जीने में सहायता करती हैं।

तो आइये जानते है की हम हमारी Immunity को कैसे बढ़ा सकते है-

शरीर में जब कोई बैक्टीरिया या वायरस आता है तो इम्युनिटी उससे लड़ती है। अच्छी बात यह है कि आप अपनी इम्युनिटी को बेहतर बना सकते हैं।

आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ Immunity घटती है, लेकिन लंदन के किंग्स कॉलेज में 80 साल से अधिक उम्र के 125 साइकिलिस्ट पर हुई रिसर्च बताती है कि इस उम्र में भी रेग्युलर एक्सरसाइज से इम्युनिटी को 20 साल के युवा जैसा रखा जा सकता है।

Immunity वह क्षमता है जो शरीर के अंदर और बाहर पाए जाने वाले हानिकारक तत्वों और सूक्ष्मजीवों को पहचानने और उन्हें खत्म करने की पावर शरीर को देती है।

इम्यून सिस्टम शरीर में एंटीबॉडी और खास प्रकार के टी-सेल्स का निर्माण करता है। यह शरीर के अलग-अलग अंग जैसे- थायमस, स्प्लीन, लिम्फनोड्स और बोनमेरो मिलकर काम करते हैं।

Immunity दो प्रकार की होती है। पहली है, नेचुरल इम्युनिटी। यह जन्मजात होती है। हर स्थिति में एक तरीके से काम करती है। दूसरी है, एडॉप्टिव।

यह किसी खास बैक्टीरिया या वायरस को खत्म करने के लिए होती है। वैक्सीन लगवाने के बाद इस तरह की Immunity पैदा होती है।

जाने ज़रूरी बाते-

  • कम नींद, अधिक एंग्जाइटी और तनाव, डाइट में अधिक चर्बी और शुगर वाला फूड, धूम्रपान और कुछ दवाइयां जैसे कि स्टेरॉयड इम्युनिटी को कमजोर कर सकते हैं।
  • ज्यादा चीनी, कम नींद मतलब इम्युनिटी कमजोर।
  • कमजोर Immunity का सीधा मतलब कि इंसान को वायरस और बैक्टीरिया से बचाव के लिए शरीर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।
  • एक्सरसाइज से एंटीबॉडी और व्हाइट ब्लड सेल्स में बदलाव होते हैं। व्हाइट ब्लड सेल्स बीमारियों से लड़ने का काम करती है। ये बीमारी को आसानी से पकड़ सकती हैं। बीमारी का खतरा भी कम होता है।
  • सोते समय इम्यून सिस्टम साइटोकाइन नाम का प्रोटीन रिलीज करता है। कम नींद लेने से साइटोकाइन का बनना प्रभावित होता है।
  • मौसम का Immunity पर नहीं होता असर।
  • इम्युनिटी शरीर के अंदर होती है। इस पर बाहरी फैक्टर्स जैसे कि मौसम में बदलाव आदि का असर नहीं होता है।
  • मौसम किसी भी इंसान की सेहत पर असर डाल सकता है। जैसे सर्दियों में कम तापमान में कुछ वायरस आसानी से फैलते हैं।
  • साथ ही सर्दियों में लोग एक-दूसरे के काफी नजदीक रहते हैं जिससे इन वायरस के फैलने का खतरा और बढ़ जाता है।
  • कमजोर इम्युनिटी यानी बीमारी से लंबा संघर्ष।
  • वह आसानी से बीमार पड़ेगा और ठीक होने में अधिक समय लगेगा। मजबूत इम्युनिटी वाले लोगों की तुलना में इनमें संक्रमण के गंभीर लक्षण दिखाई पड़ते हैं।
  • कई ऐसी बीमारियां हैं जिनके चलते इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है ऐसे इंसानों में दूसरी बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा होता है।

कई बार हमें पता भी नहीं होता और हम खाने के साथ, पीने के साथ यहां तक की सांस लेने के साथ भी हानिकारक तत्वों को अवशोषित कर लेते हैं। ऐसा होने के बाद भी हर कोई बीमार नहीं पड़ता।

जिनका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है वे इन बाहरी संक्रमणों से बेहतर तरीके से मुकाबला करते हैं। हमारी प्रतिरोधक क्षमता कैसी है इस बारे में हम ब्लड रिपोर्ट से पता कर सकते हैं लेकिन हमारा शरीर भी हमें कई तरह के सिग्नल्स देने लगता है।

तो आइये जानते है की हमारा शरीर कब हमे सिग्नल देता है की हमारी Immunity कमज़ोर हो रही है-

  • रोजाना एक्सर्साइज करने से आप अपनी बॉडी का तापमान और इम्यूनिटी बढ़ा सकते हैं। साथ ही गर्माहट पैदा करने वाले मसाले जैसे लहसुन अदरक, दालचीनी लौंग वगैरह भी बेहद काम के हैं।
  • यह शरीर का तापमान कम होने से हो सकता है। मजबूत इम्यून सिस्टम के लिए नॉर्मल ऑरल बॉडी टेंपरेचर 3 डिग्री से. से नीचे नहीं होना चाहिए। क्योंकि सर्दी के वायरस 33 डिग्री पर सर्वाइव करते हैं।
  • अगर आपको लगता है कि आप दूसरों की अपेक्षा बार-बार बीमार होते हैं, जुकाम की शिकायत रहती है, खांसी, गला खराब होना या स्किन रैशेज जैसी समस्या रहती है तो बहुत पॉसिबल है कि यह आपके इम्यून सिस्टम की वजह से हो।
  • बार-बार संक्रमण होना या ऐलर्जी।
  • जब शरीर को बुखार आना चाहिए तो भी न आए इसका मतलब है कि आपकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है। बुखार से शरीर बीमारियों से लड़ता है और हम में से ज्यादातर लोग बुखार की दवा खा लेते हैं जिससे बुखार हमारे लिए पॉजिटिव तरीके से काम नहीं कर पाता। अगर आपको संक्रमण के बाद भी कई साल से बुखार न आया हो तो यह भी कमजोर इम्यूनिटी का लक्षण है।
  • कैंडिडा टेस्ट का पॉजिटिव होना, बार-बार यूटीआई, डायरिया, मसूड़ों में सूजन, मुंह में छाले वगैरह भी खराब इम्यूनिटी के लक्षण हैं।कुछ लोग जरा सा मौसम बदलते ही बीमार हो जाते हैं।
  • विटमिन डी इम्यूनिटी को बढ़ाता है और ज्यादातर लोगों में इसकी कमी होती है। अगर आपकी ब्लड रिपोर्ट में विटमिन डी की कमी है तो आपको इसका लेवेल सही करने की हर कोशिश करनी चाहिए।
  • इसके अलावा लगातार थकान, आलस या ऐसे घाव जो लंबे वक्त तक न भरें, नींद न आना, डिप्रेशन और डार्क सर्कल भी कमजोर प्रतिरोधक क्षमता की निशानी है।

Immunity से जुडी इन बातो को जानकर आप क्या समझे की इम्युनिटी आपके लिए ज़रूरी है या नहीं। अगर हां तो कब से आप अपनी इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए ये सारे रूल्स फॉलो कर रहे है।

About Prime TV

0 komentar:

Post a Comment