लखनऊ में डेंगू बरपा रहा कहर
राजधानी लखनऊ में डेंगू का आतंक जारी
- अब तक हो चुकी 11 लोगों की मौत! डेंगू के 23 नए मरीज आए सामने डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या 1420 के हुई पार! एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है डेंगू
- डेंगू हो जाए तो घबराएं नहीं
- डेंगू से इलाज में बरतें सावधानी
- डेंगू में सही डाक्टर का चुनाव करना जरूरी है
- डेंगू से बचाव के लिए आसपास सफाई का ध्यान रखें
- समय समय पर पानी को बदलते रहें
- साफ पानी में ही डेंगू के मच्छर पैदा होते हैं
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें
- बच्चों को पूरे कपड़े पहनाकर खेलने भेजें
- आखिर कब जागेगा स्वास्थ्य विभाग?
- डेंगू से हो रही मौतों का
सिलसिला कब रुकेगा?
- स्वास्थ्य विभाग क्यों
नहीं करवा रहा फागिंग?
- एंटी लार्वा दवा का छिड़काव करवाना भी है जरूरी
राजधानी
लखनऊ में डेंगू से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.. त्रिवेणीनगर के
युवक की डेंगू से मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.. वहीं डेंगू
से अब तक 11 मरीजों की मौत हो चुकी है.. जबकि 23 नए मामले सामने आए हैं.. इससे अब
तक डेंगू से पीड़ित मरीजों का आंकड़ा 1420 हो गया है.. आम तौर पर माना जाता है कि
डेंगू मानसून जनित बीमारी है.. लेकिन जाड़े में भी इस बीमारी ने कहर बरपाया हुआ
है.. आइये जानते हैं क्यू होता है डेंगू और क्या है इससे बचाव के उपाय.
बरसात
में कहर बरसाने वाला डेंगू का कहर जाड़े में भी जारी है.. डेंगू के रोज नए मरीज आ
रहे हैं.. बता दें कि डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है.. इन
मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं... ये मच्छर दिन में, खासकर
सुबह काटते हैं.. डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से
अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है.. इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल
परिस्थितियां होती हैं.. एडीज इजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता... डेंगू
बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता
है.. जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून
चूसता है... खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है.. जब डेंगू
वायरस वाला मच्छर किसी इंसान को काटता है तो उसे भी डेंगू हो जाता है..
मच्छर
के काटे जाने के करीब 3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते
हैं.. शरीर में बीमारी पनपने की मियाद 3 से 10 दिनों की भी हो सकती है.. डेंगू तीन
प्रकार का होता है.. पहला क्लासिकल डेंगू बुखार, दूसरा डेंगू हैमरेजिक बुखार और
तीसरा डेंगू शॉक सिंड्रोम... इन तीनों में से दूसरे और तीसरे तरह का डेंगू सबसे
ज्यादा खतरनाक होता है.. साधारण डेंगू बुखार अपने आप ठीक हो जाता है और इससे जान
जाने का खतरा नहीं होता.. लेकिन अगर किसी को दूसरे और तीसरे श्रेणी का डेंगू हो
जाए.. तो उसे जान का खतरा होता है..
डेंगू बुखार के लक्षण
- ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार आना
- सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
- आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना
- बहुत ज्यादा कमजोरी लगना
- भूख न लगना और जी मितलाना
- मुंह का स्वाद खराब होना
- गले में हल्का-सा दर्द होना
- नाक और मसूढ़ों से खून आना
- शौच या उलटी में खून आना
डेंगू से बचाव के उपाय
- बीमारी से बचने के लिए फिजिकली फिट रहें
- अच्छा खाएं, अच्छा पीएं और अच्छी नींद ले
- नाक के अंदर की तरफ सरसों का तेल लगाएं
- खाने में हल्दी का इस्तेमाल ज्यादा करें
- आठ-दस तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ मिलाकर खाएं
- विटामिन-सी से भरपूर चीजों का ज्यादा सेवन करें
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करे
आमतौर पर मानसून में होने वाला डेंगू बुखार अब जाड़े
में भी होने लगा है.. डेंगू के बीमारी से बचने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है..
डेंगू से बचाव के उपाय अपनाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है... वहीं सरकार को भी
चाहिए कि वो समय समय पर फागिंग और एटी लार्वा दवा का छिड़काव करवाए.. आउटपुट
डेस्क, प्राइम टीवी न्यूज...
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