टेलीकॉम सेक्टर में अपनी धाक जमा चूकि मुकेश अम्बानी की Reliance JIO आज भारत में नंबर one कंपनी के रूप में, मील के पत्थर की तरह भारत के हर शहरों खड़ी हुई हैं, और जिसका मुकाबला आज के वक़्त अन्न दूसरी टेलीकॉम कंपनी को पल पल भारी होता जा रहा है.
एशिया के सबसे अमीरों में मुकेश अंबानी का नाम आता है वो टेलीकॉम के Business में इन्वेस्ट करके लगातार बहुत अधिक धन कमा पा रहे है तो वही , उनके छोटे भाई और अब कुमार मंगलम बिड़ला का कारोबार डूब चूका है .
इस दुनिया में अब कोई शख्स ऐसा नहीं है जो मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता होगा सब के हाथ में मोबाइल देखने को मिलता है . हर रोज एक नई तकनीकी का विकास होता है . इस टेलीकॉम का व्यापार दिन और रात बढ़ता ही जा रहा है और इससे व्यापारियों में मुनाफ़ा कमाने का लालच बढ़ता ही जा रहा है.
टेलीकॉम कारोबार ने जहा एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी को मालामाल कर दिया तो वही दूसरी तरफ उनके छोटे भाई अनिल अंबानी और हालि में कुमार मंगलम को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा तकनिकी क्षेत्र में होते विकास और आर्थिक स्थिति में हुए सुधर ने देश के सभी लोगो के हाथ में मोबाइल पंहुचा दिया है.
ऐसे में तेज़ी से बढ़ते टेलीकॉम बाजार में मुनाफा कौन नहीं कमा चाहेगा लेकिन बारी मुनाफे के सपने देखाने वाली इसी टेलीकॉम कारोबार ने पहले Reliance Communication के मालिक अनिल अम्बानी को घुटने पर ला दिया और अब देश के जाने मने कारोबारी और Vodaphone India प्रमोटर कुमार मंगलम बिरला के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है.
आपको बतादें घाटे में चल रही बिड़ला की Idea ने कुछ साल पहले ब्रिटिश कंपनी Vodafone में साझेदारी कर सेक्टर में वापसी में दम भरा था लेकिन अब उनका ये दांव काम नहीं आ रहा 27 करोड़ उपभोक्ता और देश के वायरलेस कारोबार में तक़रीबन 25 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाली Vodaphone Idea लिमिटेड को बैंको का हज़ारों करोड़ रुपय का क़र्ज़ तो चुकाना ही है साथ ही इस पर एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू के रूप में सरकारी देनदारी भी है.
आधिकारिक आकड़ो के अनुसार कंपनी पर AGR की कुल देनदारी 58.254 करोड़ रूपए है इसमें से कंपनी 7 ,854 करोड़ रुपय का भुगतान कंपनी कर चुकी है और अभी करीब 50,399 करोड़ रुपए बकाया बाकी है AGR का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पंहुचा जहां कोर्ट ने सरकार की दलीलों को सही बताकर कंपनियों को इसे चुकाने का आदेश दिया.
आदित्या बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम इस देनदारी का कोई रास्ता न निकलता देख Vodafone Idea में प्रमोटर हिस्सेदारी छोड़ने को तैयार हो गए कंपनी में 27 फ़ीसदी हिस्सेदारी रखने वाले कुमार मंगल ने जून के आखिर में केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गाबा को एक पत्र लिखा था इसमें उनका कहना था की असितत्व बचाने के लिए वह कंपनी में अपनी हिस्सेदारी किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र ,सरकार घरेलू वित्तीय इकाई या किसी अन्य को सौपने के लिए तैयार है.
जिसपर सरकार विचार कर सकती है कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि कंपनी की आर्थिक हालत सुधारनी चाहिए इसके लिए सरकार को विदेश निवेशकों को भरोसे में लेना होगा आपको बतादें के टेलीकॉम सेक्टर में विरोध के साथ साथ उम्मीद भी जताई गयी थी की कम्पनियो का मुनाफा भी बढ़ेगा टेलीकॉम सेक्टर में लगातार ग्रोथ तो रही लेकिन प्राइस वॉर महंगा स्पेक्ट्रम दिन पर दिन अपडेट होती तकनीक और कुछ कंपनीयों में कुप्रबंधन ने उनकी माली हालत ख़राब करदी जानकारों का मानना है की टेलीकॉम सेक्टर में मोबाइल नंबर पोटेबिलिटी भी नई कंपनीयों के लिए वरदान साबित हुई.
इसके अलावा देनदारी के दलदल में कंपनियों के फंसने की एक और बड़ी वजह समय पर सही फैसला न कर पाना रही एक्सपर्स्ट के अनुसार इसकी बदौलत Reliance JIO ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 3651 करोड़ रूपए का मुनाफा कमाया जबकि भारती एयरटेल को इस दौरान 284 करोड़ का मुनाफा हुआ वही Vodaफ़ोन और Idea की पहली तिमाही में नुक्सान 7000 करोड़ रूपए से अधिक रहा मन जा रहा है Vodaphone और Idea के नुक्सान से सबसे ज़्यदा फ़ायदा Jio को ही हो रहा है।
Reliance Jio को क्यों मिली कामयाबी ?
Jio को लेकर मुकेश अंबानी की रणनीत कारगर रही है उनके टेलीकॉम कारोबार में 30 अरब डॉलर से अधिक का निवेश हुआ है जिससे रिलायंस इंडस्ट्री एक ही झटके में कर्जमुक्त हो गई जानकारों का अनुमान है कि साल 2022 तक Jio अपना मुनाफा दुगना कर लेगी और तब तक कंपनी के उपभोग्ताओ की संख्या भी 50 करोड़ पार कर जाएगी अभी ब्रॉडबैंड में Jio के पास कुल बाजार का 54 फीसदी हिस्सा है जबकि मोबाइल ग्राहकों में उसकी हिस्सेदारी सबसे अधिक 35 फीसदी है।
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