भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद गौतम गंभीर ने कहा है कि वह लोगों को कोरोना से बचाने के लिए निःशुल्क टीकाकरण शिविर लगवाएंगे। उनका यह बयान दिल्ली सरकार के औषधि नियंत्रक द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट को यह सूचित करने के कुछ घंटे के बाद आया है कि गंभीर की संस्था को अनाधिकृत तरीके से फैबीफ्लू दवा का भंडारण करने और उसे कोविड-19 मरीजों के बीच वितरित करने का दोषी पाया गया है।इससे पहले दिन में गंभीर ने अपने ट्वीट में स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को उद्धृत करते हुए लिखा, ' मैं इंसान हूं और मानवता को प्रभावित करने वाली चीजें मुझे प्रभावित करती हैं-सरदार भगत सिंह।'एक अन्य ट्वीट में क्रिकेटर से सांसद बने नेता ने कहा कि गौतम गंभीर फाउंडेशन अस्पतालों के साथ मिलकर निःशुल्क टीकाकरण शिविर लगा रहा है। उनकी यह घोषणा ऐसे समय में आई जब गुरुवार को दिल्ली सरकार के औषधि नियंत्रक ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि गौतम गंभीर फाउंडेशन अनाधिकृत तरीके से फैबीफ्लू की खरीद करने और कोविड-19 मरीजों के बीच इसके वितरण का दोषी पाया गया है।हाईकोर्ट ने कहा कि भाजपा सांसद ने परोपकार का काम किया, लेकिन इससे दवा की कमी हुई और समाज को दिक़्क़तों का सामना करना पड़ा।
दिल्ली में कोविड-19 के 487 नए मामले, 45 मरीजों की मौत
दिल्ली में गुरुवार को कोरोना के 487 नए मामले सामने आए, जबकि 45 और मरीजों की मौत हो गई। राजधानी में पिछले ढाई महीने के दौरान संक्रमण के नए मामलों की यह सबसे कम संख्या है। वहीं, शहर में संक्रमण की दर 0.61 प्रतिशत रह गई है। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने एक बुलेटिन जारी कर यह जानकारी दी। यह लगातार चौथा दिन है जब राजधानी में संक्रमण की दर एक प्रतिशत से कम दर्ज की गई है। दिल्ली में 11 अप्रैल के बाद पहली बार एक दिन में कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या 50 से कम रही है। 11 अप्रैल को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 48 लोगों की मौत हुई थी। बुलेटिन के मुताबिक, बीते 24 घंटे में 45 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 24,447 हो गई। बता दें कि इससे पहले 16 और 17 मार्च को दिल्ली में संक्रमण के नए मामलों की संख्या क्रमश: 425 और 536 रही थी। नए बुलेटिन के अनुसार, गुरुवार को 487 नए मामले सामने आने के साथ संक्रमण दर 0.61 फीसदी रह गई है। अप्रैल के अंतिम सप्ताह में राजधानी में संक्रमण की दर 36 प्रतिशत पर पहुंच गई थी, जोकि अब घटकर एक प्रतिशत से भी नीचे आ गई है।
गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी भयावह लहर के बीच एक समय राजधानी में हालात बेहद खराब हो गए थे। अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन की भारी कमी हो रही थी, जिसके कारण कई लोगों की मौत भी हुई थी। दिल्ली में 20 अप्रैल को कोरोना वायरस संक्रमण के रिकॉर्ड 28 हजार से अधिक नए मामले सामने आए थे, जबकि तीन मई को इस महामारी के कारण एक दिन में सर्वाधिक 448 लोगों की मौत हुई थी। पिछले कुछ दिनों से हालात धीरे-धीरे सुधर रहे हैं और संक्रमण के दैनिक मामलों में लगातार कमी देखी जा रही है।
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