भारत-चीन सीमा पर नौ महीने से चल रही तनातनी खत्म हो गई है. भारत की जीत हुई है और चीन को पीछे हटना पड़ा है. अब से थोड़ी देर पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा है कि सीमा पर भारत और चीन दोनों तरफ की सेना अपनी पुरानी पोस्ट पर लौट रही हैं. पैंगोंग लेक से दोनों देश की सेनाएं पीछे हटेंगी. फिंगर-8 के पीछे चीन जाएगा और भारत अपने सैनिकों को फिंगर 3 के पास अपने स्थायी बेस पर रखेगा.
- भारत अपनी एक इंच जमीन भी किसी को लेने नहीं देगा और इसी दृढ़ संकल्प का ही नतीजा है कि हम पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर जारी गतिरोध के मद्देनजर समझौते की स्थिति पर पहुंचे हैं.
- चीन के साथ निरंतर वार्ता से पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट से सेना हटाने पर सहमति बनी है. समझौते के बाद, भारत-चीन चरणबद्ध और समन्वित तरीके से फारवर्ड पोस्ट पर तौनात सैनिकों को पीछे हटाएंगे.
- भारत ने चीन को हमेशा यह कहा है कि द्विपक्षीय संबंध दोनों पक्षों के प्रयास से ही विकसित हो सकते हैं और सीमा के प्रश्न को भी बातचीत के जरिए हल किया जा सकता है.
- चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी (वास्तवकि नियंत्रण रेखा) के पास कई स्थानों पर हथियारों और गोला-बारूद के साथ भारी सैन्य बल तैनात कर रखा है. इसके जवाब में हमारी सेना ने भी पर्याप्त और प्रभावी ढंग से तैनाती की है.
- अभी भी एलएसी पर तैनाती और निगरानी के बारे में कुछ मुद्दे बचे हैं. इन पर हमारा ध्यान आगे की बातचीत में रहेगा. दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के तहत सैनिकों की वापसी जल्द से जल्द कर ली जाए.
- चीन ने लद्दाख के इलाके में अनाधिकृत तरीके से 1962 से कब्जा बना रहा है. पाकिस्तान ने भी चीन को हमारी जमीन दी है. चीन का अनाधिकृत तरीके से कुल 43 हजार वर्ग किलोमीटर कब्जा है. इससे चीन और भारत के संबंधों पर असर पड़ा है.
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