गणतंत्र दिवस पर इस बार कोई विदेशी मेहमान मुख्य अतिथि के रूप में भारत नहीं आया है। दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इस बार कोई विदेशी मेहमान नहीं आ पाया है। हालांकि, गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
लेकिन ब्रिटेन में कोरोना वायरस के कारण बिगड़े हालात की वजह से बोरिस जॉनसन असमर्थता जता दी। वैसे बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि गणतंत्र दिवस की परेड में कोई विदेशी मेहमान शामिल नहीं हो रहा है। इससे पहले भी कई बार ऐसा हुआ है। हां, पिछले पांच दशकों में यह पहला मौका है, जब गणतंत्र दिवस पर कोई विदेशी मेहमान नहीं आया है.
आप को जानकर हैरानी होगी, लेकिन ये बात सच है कि भारत दो बार पाकिस्तान के नेताओं को गणतंत्र दिवस में मेहमान के तौर पर आमंत्रित कर चुका है। 1955 में गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद और 1965 में पाकिस्तान के खाद्य और कृषि मंत्री राणा अब्दुल हमीद मुख्य अथिति के रूप में भारत आए।
हालांकि, 1965 के बाद से भारत ने कभी भी पाकिस्तान के किसी नेता को गणतंत्र दिवस परेड में आमंत्रित किया। भारत से भी कोई पाकिस्तान के इस तरह के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने ही गया।
ऐसा चौथी बार हो रहा है, जब कोई विदेशी मेहमान गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल नहीं हो रहा है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक साल 1952 और 1953 में भी भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में कोई विदेशी नेता मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल नहीं था।
वहीं 1966 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के आकस्मिक निधन के तुरंत बाद पड़े गणतंत्र दिवस पर भारत ने किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को आमंत्रित नहीं किया था।
बता दें कि गणतंत्र दिवस में किसी भी मुख्य अतिथि का आना काफी अहम होता है। मुख्य अतिथि कौन होगा इस पर महीनों विचार-विमर्श होता है। इसके बाद भारत उस देश को चीफ गेस्ट के तौर पर चुनता है.
जिसके साथ भारत या तो अपनी दोस्ती को और मजबूत करना चाहता है या फिर उसके साथ दोस्ती शुरू करना चाहता है। फ्रांस अब तक सबसे अधिक 5 बार गणतंत्र दिवस में बतौर मुख्य अतिथि आ चुका है।
आज देशभर में गणतंत्र दिवस की धूम है। 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर आज सुबह राजपथ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तिरंगा फहराएंगे और परेड की सलामी लेंगे।
मगर कोरोना की वजह से इस बार का गणतंत्र दिवस कई मायनों में अलग और बदला सा होगा। कोरोना की वजह से इस बार देश के 72वें गणतंत्र दिवस पर कोई विदेशी मेहमान बतौर चीफ गेस्ट नहीं होगा।
दशकों बाद ऐसा पहली बार हो रहा है, जब इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर किसी भी देश के सरकार का प्रमुख हमारे गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल नहीं हो रहा है।
दरअसल, पिछले पांच दशकों में पहली बार ऐसा हो रहा है जब कोई राष्ट्राध्यक्ष 26 जनवरी की परेड देखने नहीं आ रहे हैं। हालांकि, इससे पहले तीन बार ऐसे मौके आए हैं।
पहले भारत की ओर से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को न्योता भेजा था। कोविड की वजह से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के अंतिम मौके पर समारोह में न आने के फैसले के बाद भारत ने विदेशी मेहमान को न्योता न देने का मन बना लिया था।
1966 के बाद पहली बार विदेशी मुख्य अतिथि नहीं
पिछले पांच दशकों में यह पहला गणतंत्र दिवस होगा, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर कोई विदेशी मेहमान नहीं होगा। इससे पहले सन 1966 में गणतंत्र दिवस परेड में कोई विदेशी मेहमान शामिल नहीं हो सका था.
जब 11 जनवरी को लाल बहादुर शास्त्री के अचानक निधन के बाद 24 जनवरी को इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके अलावा सन 1952 और 1953 में भी भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में कोई विदेशी प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ था।
गौरतलब है कि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था और इस दिन को हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। देश की राजधानी में राजपथ पर देश की सैन्य ताकत के साथ सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित किया जाता है।
परेड में हर बार एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को चीफ गेस्ट बनाने की परंपरा रही है। कुछ ऐसे भी मौके आए जब एक से अधिक मेहमानों को बुलाया गया।
परेड में कई बदलाव, 25 हजार लोग ही होंगे शामिल
कोरोना के चलते इस बार 26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में कई बदलाव किए गए हैं। एक तो कोविड- 19 की वजह से परेड की लंबाई कम की गई है, वहीं वहीं इस बार 25 हजार लोग ही कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।
यह जानकारी नई दिल्ली जिला पुलिस के डीसीपी डॉ. ईश सिंघल ने ट्वीट कर दी। उन्होंने यह अपील भी की है कि जिन लोगों के पास भी परेड पास नहीं है, वे कृपया यहां न आए। अपने घरों में ही रहें।
इस बार परेड का विजय चौक से शुरू होकर नेशनल स्टेडियम तक ही जाने की उम्मीद है। दरअसल गणतंत्र दिवस परेड राजपथ से शुरू होकर लाल किले तक जाती थी.
परेड की लंबाई इस बार होगी आधी से भी कम
परेड की लंबाई इसके पहले 8.2 किलोमीटर होती थी, लेकिन इस बार विजय चौक से नेशनल स्टेडियम तक परेड होती है तो उसकी लंबाई घटकर 3.3 किलोमीटर हो जाएगी।
परेड देखने का मौका भी इस बार कम लोगों को मिलेगा, जहां हर साल गणतंत्र दिवस परेड देखने के लिए एक लाख, 15 हजार लोग मौजूद रहते थे, वहीं इस बार 25 हजार लोग ही मौजूद रहेंगे।
इस बार हर बार के बराबर टिकट भी नहीं बेचे जाएंगे। टिकट की संख्या भी कम की गई है, ताकि कोविड के इस दौर में ज्यादा भीड़ एकत्र न हो सके।
DIGITAL DESK NEWS PUBLISHED BY- PRIYA TIWARI
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